पुलिस चौकी के सामने बाइक सवार बदमाशों ने विहिप नेता को मारी गोली
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पुलिस चौकी के सामने बाइक सवार बदमाशों ने विहिप नेता को मारी गोली

    प्रयागराज।। शहर के झूंसी थाना अंतर्गत नगर पंचायत झूंसी पुलिस चौकी के सामने बदमाशों ने दुकान के अंदर घुसकर व्यवसायी पर ताबड़तोड़ फायर किया और मौके से फरार हो गए । भरे बाजार दिन दहाड़े गोलीबारी से इलाके में सनसनी फैल गई। आनन फानन में गोली लगने से गंभीर रुप से घायल विजय अग्रवाल को लहूलुहान हालत में एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया।
    घटना की जानकारी मिलते ही एसएसपी अतुल शर्मा सहित एसपी गंगापार ने मौके पर पहुंचकर घटना स्थल क़ा जायज़ा लिया। बता दें कि नई झूंसी इलाके में पुलिस चौकी के पास रहने वाले कारोबारी विजय अग्रवाल की घर में ही इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान है। वह विहिप के नेता भी हैं। गुरुवार सुबह वह दुकान में बैठे थे। तभी एक बाइक पर तीन बदमाश आए और उन पर फायरिंग करने लगे। बदमाशों ने विजय को टारगेट करते हुए तीन फायर किया। एक गोली विजय के पैर में लगी और वह लहूलुहान होकर गिर पड़े। फायरिंग से मोहल्ले में खलबली मच गई। आसपास के लोगों को घर से बाहर निकलते देख हमलावर धमकी देते हुए भाग निकले। सूचना पर झूंसी पुलिस पहुंची। आसपास के लोग घायल विहिप नेता को लेकर अस्पताल भागे। जहां उनका इलाज चल रहा है। पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद है। जिसमें बाइक बदमाश वारदात को अंजाम देते हुए साफ नजर आ रहे हैं।
     बताया जाता है कि गोली लगने से घायल विजय अग्रवाल के भतीजे से कुछ दिन पहले ही नैनी सेंट्रल जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर संतोष यादव ने दस लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी। संतोष यादव झूंसी का ही रहने वाला है उसने जेल से फोन और मैसेज़ करके रंगदारी मांगी थी । जिसमें व्यवसायी अग्रवाल ने झूंसी थाने में मुक़दमा भी दर्ज कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि नैनी जेल में बन्द संतोष यादव ने दस लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी जिसमें उसके विरुद्ध मामला भी दर्ज कराया गया था आशंका है कि उसी ने ही जेल में बैठक कर अपने शूटरों से इस वारदात को अंजाम दिलाया है।
    एसएसपी अतुल शर्मा का कहना है इस वारदात पीछे जो भी है वह बख्शा नहीं जायेगा ,जेल से धमकी दिए जाने की बात सामने आई है जेल से भी घटना का कनेक्शन खंगाला जा रहा है। वहीं एक बार फ़िर जेल के अंदर से रंगदारी नहीं देने पर व्यवसायी को गोली मारे जाने की घटना से पुलिस और जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।



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