
याची का कहना है कि उन्होंने दो आधारों पर आजम खां के चुनाव को चुनौती दी है। पहला, उन्होंने जौहर विश्वविद्यालय रामपुर के कुलाधिपति के लाभ के पद पर रहते हुए लोकसभा चुनाव लड़ा। कानून के तहत वह लाभ का पद रखते हुए चुनाव नहीं लड़ सकते। दूसरा आधार यह है कि उन्होंने धार्मिक आधार पर भावनाएं भड़काकर वोट मांगा।
लोकसभा चुनाव में आजम खान से हारने वाली जयाप्रदा की मांग है कि इन दोनों आधारों पर आजम का चुनाव निरस्त किया जाय। कोर्ट ने पत्रावली को देखते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया केस विचारणीय है और सभी विपक्षियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।