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इसकी वजहें :
जांच में इस बात का जिक्र किया गया है कि पोल्ट्री और डेयरी कारोबार में जानवरों को तंदुरुस्त रखने के लिए किए गए एंटीबायोटिक का असर मानव शरीर पर धीरे-धीरे प्रतिकूल असर डाल रहा है. इस अत्यधिक एंटिबायोटिक शरीर में जाने की कई वजहें सामने आ रही हैं. चिकन और मटन को सेहत मंद रखने के लिए दिए जाने वाले अत्यधिक एंटीबायोटिक सब्जी और फल को ज्यादा ताजी रखने के लिए रखने के लिए दिए जाने वाले एंटीबायोटिक डेयरी व्यवसाय में जानवरों के अच्छी सेहत के लिए इसके अलावा बगैर डॉक्टरी सलाह के ही मेडिकल स्टोर के जरिए दिए जाने वाली दवाईयां खासकर के एंटीबायोटिक भी शरीर में नुकसान पहुंचाती है. इसके अलावा अत्यधिक और गलत तरीके के एन्टीबायोटिक लेने से एन्टीबायोचिक के जीवाणु ज्यादा प्रतिरोधी हो जाते हैं. नए प्रतिरोधी जीवाणु सुपरबग के रूप में जाने जाते हैं जिस पर कोई भी दवा असर करती है और ये हालात किसी भी रोग और रोगी के लिए भयवह स्थिति में हैं.