कितना ज़रूरी हो गया है धर्मान्तरण विरोधी कानून ?
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कितना ज़रूरी हो गया है धर्मान्तरण विरोधी कानून ?

    सनातन धर्म में आर्यो की कर्म की कर्म भूमि रहा भारत में वर्तमान में धर्मान्तरित लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. यह बात भी अब से छुपी नहीं है कि पहले से ही हमारे देश में कुछ राज्यों में ईसाई बहुमत में आ चुके है. इनमें से मिजोरम 90%, नागालैंड 90%, मेघालय 83%, मणिपुर 41.3%, अरुणाचल प्रदेश 35%, गोवा 25%, केरल 18.28% और तमिलनाडु 6.2%है।
      लेकिन हकीकत में खेल तो कुछ और ही हो रहा है धर्मांतरण और आरक्षण के कारण ऐसे मौकापरस्त लोग हिंदू केवल अब प्रमाण पत्र में ही बने हुए हैं. यह अनुमान लगाया जाता है कि देश की 25% से अधिक आबादी वर्तमान में ईसाई है.
     कुछ राज्यों में धर्मांतरण अभी भी प्रचलित है, सरकार को उन लोगों को दंडित करना चाहिए जो नकली हिंदू हैं और हमारे देश में पिछड़े वर्गों को आरक्षण प्रदान करते हैं और इसके लिए कानून भी बनाया जाना चाहिए। क्योंकि कुछ लोगों को चमत्कार के नाम पर धर्म परिवर्तन करने और बीमारियों को ठीक करने का लालच दिया जाता है।
     सरकार को कुछ पास्टरों को दंडित करना चाहिए जो रूढ़िवादी धर्म का अपमान कर रहे हैं और हिंदू देवताओं को पत्थर से मार रहे हैं।
धर्मांतरण विरोधी कानून आना चाहिए
     वर्तमान परिस्थितियों में हमारे देश की रक्षा करने वाला कानून धर्मांतरण विरोधी कानून है. मिशनरियों के नाम पर अधिकार करने पर भी रोक लगाई जानी चाहिए, वैसे आमतौर पर देखा जाए तो पाँच मुख्य तरीके हैं जिनमें रूपांतरण होता है, विशेष रूप से महिलाओं को लक्षित करना, मिशनरी के नाम पर, सेवा कार्यक्रमों के
नाम पर, ईश्वर की कृपा के नाम पर.
धर्मान्तरित लोग क्या कर रहे हैं?
      पादरी धर्मांतरण के बाद निर्दोष लोगों को तीथों के नाम पर लूटते हैं. लोगों की मासिक आय का 10%, उदाहरण के लिए, 10000 मासिक आय, जिनमें से एक हजार रुपये हर महीने पादरी के हाथों में चला जाता है, निर्दोष लोगों का पैसा। इस तरह लोगों से चुराया गया पैसा विदेशों में स्विस बैंकों में पहुंचता है.
किस तरह से लोग धार्मिक रूपांतरण रोकें
     अपने थोड़े से लालच में भ्रमित हुए लोगो को आपको वो बातें बताई जानी चाहिए जो हर हिंदू के लिए हिंदू धर्म की महत्ता को बताती है. साथ ही हमारे रूढ़िव धर्म काअभ्यास भी अपने जीवन में करने का प्रयास करना चाहिए।

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