
25 जुलाई को जोधपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट की जस्टिस निर्मलजीत कौर ने फिल्म अभिनेता सलमान खान को हिरण शिकार के दोनों मामलों में दोषमुक्त कर दिया है। डीजे कोर्ट ने इन दो मामलों में 5 वर्ष और एक वर्ष की सजा सुनाई थी। डीजे कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट द्वारा उलट देने को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसलिए अब यह सवाल उठा है कि क्या राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार हाईकोर्ट के फैसले के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी? जहां तक हाईकोर्ट में सरकार की ओर से पैरवी करने वाले वकील कांतिलाल ठाकुर का सवाल है तो ठाकुर ने फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया। ठाकुर का कहना है कि सलमान के विरुद्ध हिरण का शिकार करने को लेकर पुख्ता सबूत थे इसलिए डीजे कोर्ट ने सजा सुनाई थी। ठाकुर ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के पर्याप्त आधार हैं। फैसले के तुरन्त बाद सरकारी वकील की जो प्रतिक्रिया आई है उससे अपील के लिए सरकार पर दबाव और बढ़ गया है।
समाज करेगा अपील - विश्नोई
भले ही वसुंधरा सरकार अपील न करे, लेकिन विश्नोई समाज सुप्रीम कोर्ट जरूर जाएगा। समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि हिरण की हत्या उनकी धार्मिक और सामाजिक भावनाओं से जुड़ी है। सवाल सलमान खान के जेल जाने या नहीं जाने का नहीं है। सवाल उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का है। वैसे तो इस मामले में विश्नोई समाज की धार्मिक भावनाओं का ख्याल करते हुए राज्य सरकार को ही सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए।
सलमान के वकील खुश:
हाईकोर्ट के फैसले पर सलमान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने खुशी जाहिर की है। सारस्वत ने कहा कि झूठे मुकदमें में सलमान को न्याय प्राप्त करने में 18 वर्ष लग गए। सलमान वर्ष 1998 में जब हम साथ साथ फिल्म की शूटिंग के लिए जोधपुर आए थे, तब उन पर रात्रि के समय हिरण का शिकार करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। मालूम हो कि सलमान के वकील सारस्वत अजमेर देहात भाजपा के जिला अध्यक्ष भगवती प्रसाद सारस्वत के सगे भाई हैं।
रिणवा ने कहा अध्ययन करेंगे :
वहीं राजस्थान के वन मंत्री राजकुमार रिणवा ने कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन किया जाएगा। यदि कोई कमी नजर आएगी तो सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी।