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बाल विवाह घातक सामाजिक कुरीति सामूहिक जागरुकता जरुरी - देपन

   बांसवाड़ा/राजस्थान।। मामा बालेश्वर दयाल राजकीय महाविद्यालय कुशलगढ़ एवं राजकीय कन्या महाविद्यालय कुशलगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में बाल विवाह रोकथाम हेतु जनजागरुकता लाने के उद्देश्य से शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

Mama Baleshwar Dayal Collage Kushalgarh
  प्राचार्य महेन्द्र कुमार देपन ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह एक अभिशाप है। यह बच्चों के‌ लिए शारीरिक और मानसिक रुप से हानिकारक है, जो उनके शिक्षा, स्वास्थ्य व विकास को नकारात्मक रुप से प्रभावित करता है। इस घातक सामाजिक कुरीति को सभी को एकजुट होकर समाज में जागरुकता लाने हेतु प्रयास करना होगा। 
  कार्यक्रम समन्वयक कन्हैयालाल खांट ने बाल विवाह अधिनियम 2006 के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि बाल विवाह कराने पर संबंधित माता-पिता, रिश्तेदार,‌ पंडित आदि सम्मिलित व्यक्तियों को 2 वर्ष तक की सजा व 1 लाख रु तक जुर्माना का प्रावधान है। इसलिए इस कुप्रथा के उन्मूलन में सबकी सामूहिक भागीदारी जरूरी है। 
  इस अवसर पर विद्यार्थियों सहित समस्त संकाय सदस्यों ने बाल विवाह न करने एवं न होने देने की सामूहिक रुप से शपथ ली। कार्यक्रम में सहायक आचार्य नरेन्द्र कुमार, माखनसिंह मीना, धर्मेन्द्र भाभोर, जोहनसिंह देवदा, खेमराज मेघवाल, धनराज मीना, शाहिना‌ परवीन, प्रेमचंद डाबी आदि उपस्थित रहे।