जानकारी के मुताबिक, पीजी गर्ल्स कॉलेज में फर्स्ट ईयर की कक्षा में
प्रवेश के लिए छात्राओं ने आवेदन किए थे, लेकिन यहां 61 प्रतिशत तक की लिस्ट
आई। चौथी लिस्ट में भी कई छात्राओं के नाम नहीं आए हैं, जिसमें 65 प्रतिशत
तक प्राप्त अंक की छात्राओं के नाम भी शामिल है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों
से आने वाली छात्राओं को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। कॉलेज की
प्राचार्य प्राइवेट कॉलेजों में एडमीशन लेने की बात कर रहे हैं, नहीं तो
कलेक्टर के पास जाकर शिकायत करने का बोलने लगी।
कलेक्टर की गाड़ी के सामने बैठी छात्राएं
छात्राओं से कलेक्टर ने आवेदन लेकर उनकी बात भी सुनी, लेकिन बाद में कुछ छात्राओं के अभिभावक उचित आश्वासन न मिलने की बात कहकर बाहर नाराजगी जताने लगे और उनके साथ आई छात्राओं ने कलेक्टर की गाड़ी के सामने बैठकर विरोध जताना शुरू कर दिया। कलेक्टर कार्यालय के बाहर निकले और गाड़ी में बैठने लगे, लेकिन छात्राएं जब उनकी गाड़ी के सामने ही बैठी रही तो वह चुपचाप छात्राओं से बीच में पहुंच गए।
चुपचाप पैदल निकल गए कलेक्टर
एक पल ऐसा लगा कि कलेक्टर छात्राओं से चर्चा करने वाले हैं और कुछ छात्राएं खड़ी भी हो गई, लेकिन वह उनके बीच रास्ता बनाकर चुपचाप पैदल निकले और हनुमान मंदिर के पास बने वीडियो कांफ्रेंस हॉल में चले गए। इस बीच कुछ छात्राओं ने उन्हें आवाज भी दी और कुछ कलेक्टर के इस अंदाज को देखकर अचरज में पड़ गई।
ड्राइवर ने छात्राओं को गाड़ी से मारी टक्कर
कलेक्टर के जाने के बाद उनका ड्राइवर छात्राओं के बीच से उनकी गाड़ी भी ले गया, जिससे एक-दो छात्राओं ने पैर से गाड़ी टकराने के आरोप लगाए। यह नजारा देखकर एनएसयूआई के छात्र नेताओं और विवेकानंद छात्र परिषद के सरंक्षक ने नाराजगी जताते हुए विरोध शुरू कर दिया। छात्र नेताओं ने प्रतिबंधित क्षेत्र को नजर अंदाज करते हुए कलेक्टर चैंबर के मुख्य गेट पर उनके खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद यहां कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों की भीड़ लग गई।
पढ़ाने की नहीं है सही व्यवस्था
छात्राओं ने कहा कि सरकार बेटियों को शिक्षित करने की बात तो करती है, लेकिन पढ़ाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर रही हैं। उन्हें एडमिशन के लिए चक्कर काटते-काटते एक साल हो गया है, लेकिन उनका एडमशिन नहीं हुआ है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस मामले में जब प्रशासन के अधिकारियों की उन्होंने कहा कि छात्राओं के आवेदन देने के बाद उन्होंने कॉलेज प्राचार्य से चर्चा की, जिसमें उन्होंने कहा कि एडमिशन ऑनलाइन हुए हैं और मैरिट के बाद साइट बंद कर दी गई। पहले सीएलसी हो जाती थी, लेकिन इस बार नहीं हुई है। छात्राओं के एडमिशन हो जाएं इस संबंध में प्राचार्य और जिला प्रशासन भी शासन को पत्र भेजेगा।
छात्राओं से कलेक्टर ने आवेदन लेकर उनकी बात भी सुनी, लेकिन बाद में कुछ छात्राओं के अभिभावक उचित आश्वासन न मिलने की बात कहकर बाहर नाराजगी जताने लगे और उनके साथ आई छात्राओं ने कलेक्टर की गाड़ी के सामने बैठकर विरोध जताना शुरू कर दिया। कलेक्टर कार्यालय के बाहर निकले और गाड़ी में बैठने लगे, लेकिन छात्राएं जब उनकी गाड़ी के सामने ही बैठी रही तो वह चुपचाप छात्राओं से बीच में पहुंच गए।
चुपचाप पैदल निकल गए कलेक्टर
एक पल ऐसा लगा कि कलेक्टर छात्राओं से चर्चा करने वाले हैं और कुछ छात्राएं खड़ी भी हो गई, लेकिन वह उनके बीच रास्ता बनाकर चुपचाप पैदल निकले और हनुमान मंदिर के पास बने वीडियो कांफ्रेंस हॉल में चले गए। इस बीच कुछ छात्राओं ने उन्हें आवाज भी दी और कुछ कलेक्टर के इस अंदाज को देखकर अचरज में पड़ गई।
ड्राइवर ने छात्राओं को गाड़ी से मारी टक्कर
कलेक्टर के जाने के बाद उनका ड्राइवर छात्राओं के बीच से उनकी गाड़ी भी ले गया, जिससे एक-दो छात्राओं ने पैर से गाड़ी टकराने के आरोप लगाए। यह नजारा देखकर एनएसयूआई के छात्र नेताओं और विवेकानंद छात्र परिषद के सरंक्षक ने नाराजगी जताते हुए विरोध शुरू कर दिया। छात्र नेताओं ने प्रतिबंधित क्षेत्र को नजर अंदाज करते हुए कलेक्टर चैंबर के मुख्य गेट पर उनके खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद यहां कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों की भीड़ लग गई।
पढ़ाने की नहीं है सही व्यवस्था
छात्राओं ने कहा कि सरकार बेटियों को शिक्षित करने की बात तो करती है, लेकिन पढ़ाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर रही हैं। उन्हें एडमिशन के लिए चक्कर काटते-काटते एक साल हो गया है, लेकिन उनका एडमशिन नहीं हुआ है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस मामले में जब प्रशासन के अधिकारियों की उन्होंने कहा कि छात्राओं के आवेदन देने के बाद उन्होंने कॉलेज प्राचार्य से चर्चा की, जिसमें उन्होंने कहा कि एडमिशन ऑनलाइन हुए हैं और मैरिट के बाद साइट बंद कर दी गई। पहले सीएलसी हो जाती थी, लेकिन इस बार नहीं हुई है। छात्राओं के एडमिशन हो जाएं इस संबंध में प्राचार्य और जिला प्रशासन भी शासन को पत्र भेजेगा।