
..... देशभर में पेयजल को लेकर सदैव चिंता बानी रहती हैं ऐसे में सप्लाई का पानी इस्तेमाल करने वाले या फिर हैंडपंप का, अगली बार पानी का इस्तेमाल करने से पहले ये जरूर जांच करवा लें कि इसमें आर्सेनिक की मात्रा तो नहीं। दरअसल एक शोध में पाया गया है कि भारत, अर्जेंटीना, बांग्लादेश, चिली, चीन, मैक्सिको और अमेरिका समेत कई देशों के भूजल में बड़े स्तर पर अजैविक आर्सेनिक पाया जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अजैविक आर्सेनिक युक्त जल या उससे बने भोजन का निरंतर सेवन करने के खतरे के प्रति चेताया है। लंबे समय तक अजैविक आर्सेनिक युक्त पानी पीने और इस पानी से तैयार भोजन करने से त्वचा का कैंसर हो सकता है।
आर्सेनिक धरती के कणों का प्राकृतिक तत्व है और हवा में व्यापक रूप से इसके कण पाए जाते हैं। अजैविक रूप में यह काफी जहरीला होता है। दूषित जल, दूषित जल से बना भोजन, दूषित जल से सिंचित अनाज तथा तंबाकू के जरिए बड़े स्तर पर जहरीला आर्सेनिक लोगों के शरीर के भीतर जा रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इससे त्वचा से संबंधित बीमारियां और त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ गया है। विषाक्त आर्सेनिक के शरीर पर असर के शुरुआती लक्षणों में उल्टी, पेट दर्द और डायरिया शामिल है। त्वचा कैंसर के अलावा आर्सेनिक के दुष्प्रभाव से मूत्राशय और फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने आर्सेनिक को मानव के लिए कैंसरकारी तत्व बताया है। अजैविक आर्सेनिक युक्त जल एवं भोजन का सेवन करने से मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान पहुंचना, मधुमेह, फेफड़ों और हृदय संबंधी बीमारी भी हो सकती है।