
तजाकिस्तान ने देश के 50 साल से कम उम्र के शिक्षकों को दाढ़ी रखने पर पाबंदी लगा दी है जबकि इससे ज्यादा उम्र के शिक्षकों को सिर्फ 3 सेंटीमीटर लंबी दाढ़ी रखने की इजाजत दी गई है।यह आदेश स्कूल और विश्वविद्यालय दोनों के शिक्षकों पर लागू होगा। आगामी एक अक्टूबर से लागू होने वाले इस आदेश में कहा गया है कि 50 साल से ज्यादा उम्र के शिक्षक (3) सेंटीमीटर या 1.2 इन्च से ज्यादा लंबी दाढ़ी नहीं रख सकते।
हालांकि आदेश में कट्टरपंथियों को भी थोड़ा खुश करने के ख्याल से कहा गया है कि शिक्षकों को जीन्स, छोटे स्कर्ट्स व टी शर्ट्स पहनने की अनुमति नहीं है।
मध्य एशिया के मुस्लिम बहुल देश तजाकिस्तान में पुलिस ने 13 हजार पुरुषों की दाढ़ी इसलिए कटवा दी, ताकि वे आतंकियों जैसे न दिखें। अलजजीरा ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। ताजिकिस्तान सरकार के इस कदम को 'आतंकवाद' से निपटने के तौर पर देखा जा रहा है।
रिपोर्ट में दक्षिण-पश्चिम खतलून क्षेत्र के पुलिस प्रमुख बहरूम शरीफजोड़ा के हवाले से कहा गया है कि प्रशासन ने 1700 लड़कियों को भी सिर पर स्कार्फ बांधने की परंपरा तोड़ने के लिए राजी कर लिया है। उन्होंने कहा कि आतंकी ताकतों को खत्म करने और पड़ोसी राष्ट्र अफगानिस्तान की अतिवादी परंपराओं का प्रभाव देशवासियों पर न पड़े इसके लिए यह पहल की जा रही है।
अफगानिस्तान की सीमा से सटा तजाकिस्तान कट्टरपंथी इस्लाम गुटों को एक खतरे के तौर पर देखता है व इसके पहले यहां कई धार्मिक आंदोलनों को कुचला जा चुका है। इससे पहले यहां स्कूल और कॉलेजों में मोबाइल फोन लाने व कार से आने पर पाबंदी लगाई गई थी।
तजाकिस्तान के राष्ट्रपति इमामाली रहमून के आदेश पर यह कार्रवाई की जा रही है। रहमून का मौजूदा कार्यकाल 2020 तक है और वह 1994 से ही राष्ट्रपति पद पर बने हुए हैं। दिसंबर में संसद ने राष्ट्रपति को 'देश के नेता' की पदवी दी थी।
करीब दो दशक पहले रूस से आजाद होने के बाद से ही तजाकिस्तान गरीबी और अस्थिरता के संकट से जूझ रहा है। अभी भी अधिकांश नागरिक आजीविका के लिए रूस पर निर्भर हैं।
एक अनुमान के मुताबिक, तजाकिस्तान के 2000 से अधिक नागरिक सीरिया में मौजूद हैं। गौरतलब है कि इस साल सितंबर में तजाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने देश की एकमात्र इस्लामिक पार्टी को भी बैन कर दिया था। सरकार ने इस्लामिक पार्टी आॠफ तजाकिस्तान को अतिवादी तत्वों को बढ़ावा देने वाला बताया था।
