यह पैलट गन का ही असर है कि पाकिस्तानी व आईएस के झंडे पिछले दो हफ़्तों से कश्मीर में नदारद हैं

गृहमंत्री चाहते हैं कि भविष्य में पैलट गन का प्रयोग ना हो ! क्या है आपकी राय
    आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के विरोध में पत्थरबाज प्रदर्शनकारियों पर सेना द्वारा पैलट गन के प्रयोग पर विभिन्न दलों के संसद सदस्यों ने पत्थरबाजों के मानवाधिकार की चिंता संसद में व्यक्त की.
     ऐसे में सेक्युलर छवि गढ़ने में ज्यादा ही तेजी दिखा रहे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आनन फानन में भविष्य में पैलट गन के प्रयोग के सम्बन्ध में एक कमेटी गठित करने की घोषणा कर दी.
      पैलट गन के प्रयोग के परिणाम से शायद गृहमंत्री जी अनभिज्ञ हैं. यह पैलट गन का ही असर है कि पिछले कई महीनों से जुमे की नमाज के बाद कश्मीर में लहराए जाने वाले पाकिस्तानी व आईएस के झंडे पिछले दो हफ़्तों से कश्मीर में नदारद हैं. दूसरा पैलट गन से घायल व्यक्ति की पहचान आसान है जिससे उसके देशद्रोही होने के कारण सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने पर रोक लगायी जा सकती है. स्थायी अंधापन उन्हें उनके कुकर्मों की सजा है. जब पूरा देश पैलट गन के इस्तेमाल पर एकराय है फिर कुछ सेकुलरों और बुद्धिजीवियों जिन्हें सिर्फ देशद्रोहियों के मानवाधिकारों की चिंता है के दबाव में ऐसी कमेटी बनाने का क्या औचित्य ? गृहमंत्रालय का रवैया आमजनमानस की सोच से विपरीत सेक्युलर चोला ओढ़े हुए क्यों है ?

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top