
सर्वे के मुताबिक, उना में मरी हुई गाय की चमड़ी उतारने पर दलितों की पिटाई मामले के बाद राज्य में बीजेपी की राजनीतिक स्थिति कमजोर हुई है। दलित आंदोलन के बाद करीब दो हफ्तों तक कराए गए सर्वे में संघ प्रचारकों ने लोगों से राय लीं।
सर्वे में यह भी बात सामने आई है कि उना मामले के बाद बीजेपी के हिंदू वोटबैंक से दलित छिटक गए हैं। बताया जा रहा है कि सर्वे के बाद ही संघ के शीर्ष नेताओं ने मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सीएम पद छोड़ने के लिए मनाया। सर्वे में जो तस्वीर सामने आई है कि 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से बेहद खराब है।
सर्वे में बताया जा रहा है कि पाटीदार और दलित आंदोलन के कारण बीजेपी को राज्य की 18 सीटों पर खासा नुकसान उठाना पड़ेगा। गुजरात विधानभा में कुल 182 सीट हैं। संघ के सूत्रों ने बताया, 'संघ दलितों को हिंदू वोटबैंक का ही एक हिस्सा मानता है और हिंदुओं के बीच में ही ध्रुवीकरण को स्वीकार नहीं करेगा। पहले राज्य में दलित कांग्रेस के साथ थे जिन्हें बीजेपी ने अपने पाले में लाकर बड़ी सफलता हासिल की थी।'