राज्य की स्वतंत्रता दिवस परेड में शामिल होंगे किन्नर

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप ओडिशा सरकार किन्नरों को जेल वार्डर के पद पर तैनात करेगी
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 में केंद्र सरकार को ट्रांसजेंडर को तीसरे जेंडर के तौर पर मान्यता देने का आदेश दिया था.
    ओडिशा सरकार ने 15 अगस्त को होने वाली राज्य की स्वतंत्रता दिवस परेड में पहली बार किन्नरों का शामिल करने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने किन्नरों को जेल वार्डर के तौर पर नियुक्त करने का भी निर्णय लिया है। टीजी सुरक्षा ट्रस्ट के महासचिव प्रताप साहू ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि देश में पहली बार ओडिशा सरकार ने किन्नरों को राज्य स्तर की परेड में शामिल होने का मौका दिया है। राज्य के महात्मा गांधी मार्ग पर 15 अगस्त की परेड होगी। राज्य सरकार ने पुलिस कमिश्नरेट को अपने निर्णय की सूचना दे दी है।
     राज्य सरकार ने ट्रांसजेंडरों से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप किन्नरों को जेल वार्डर के तौर पर नियुक्त करने का फैसला किया है। पुलिस विभाग ने ओडिशा स्टाफ सेलेक्शन कमिशन को भी इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। एडीजी (जेल) मनोरंजन पटनायक ने पीटीआई को बताया, “ट्रांसजेंडर जेल में वार्डर के तौर पर काम करेंगे। उन्हें इसके लिए दूसरे प्रतिभागियों के संग प्रवेश परीक्षा देनी होगी। ओडिशा स्टाफ सेलेक्शन कमिशन को इस संदर्भ में जरूरी कदम उठाने के लिए पत्र भेज दिया गया है।”
     राज्य के गृह मंत्रालय के उप सचिव बीबी मिश्रा ने एडीजी जेल और डिपार्टमेंट ऑफ करेक्शनल सर्विसेज (डीसीएस) को पत्र लिखकर आदेश दिया है कि किन्नरों के लिए आवश्यक शारीरिक क्षमता महिला अभ्यर्थियों के समान रखी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2014 में दिए गए एक फैसले में केंद्र सरकार को किन्नरों को तीसरे जेंडर के तौर पर मान्यता देने का आदेश दिया था। सर्वोच्च अदालत ने सरकार से किन्नरों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के तौर पर शिक्षा और नौकरी में आरक्षण देने के लिए भी कहा था। इस साल मई में एक अन्य फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि गे, लेस्बियन और बाइसेक्सुअल तीसरे जेंडर में नहीं शामिल किए जा सकते।

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