लाखों ले उड़े बिहार के बंटी-बबली, अब ढूंढ रही दो राज्यों की पुलिस

    रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बंटी-बबली को पुलिस तलाश रही है। इस दंपती ने हरियाणा व बिहार के बेरोजगारों से 40 लाख रुपये की ठगी कर ली है और फरार हैं। दो राज्यों की पुलिस को चकमा देकर फरार बंटी-बबली को अब बिहार पुलिस तलाश कर रही है।
   दोनों के खिलाफ देवरिया थाने के रामचंद्रपुर निवासी प्रभात कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस अब दोनों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।
     प्रभात कुमार ने बताया कि वह बीबीगंज में किराए पर कमरा लेकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते थे। उनके बगल में ही पश्चिम चंपारण जिले के मुफस्सिल थाना के आईटीआई कॉलोनी रोड नंबर चार निवासी अजय तिवारी व उसकी पत्नी रेणु तिवारी रहते थे। परिचय होने के बाद दोनों ने बताया कि उनके जीजाजी की रेलवे में पैठ है। उसे रेलवे में क्लर्क की नौकरी दिला सकते हैं। अभी डेढ़ लाख रुपये देना होगा। बाकी ढाई लाख जॉइनिंग के बाद देनी होगी।
     झांसे में आकर प्रभात ने अप्रैल में बोचहां बाजार में एक स्वीट हाउस के सामने डेढ़ लाख रुपये दे दिया। कहा गया कि जून तक ज्वाइनिंग हो जाएगी। एक मई को जब दोनों के मोबाइल नंबर पर फोन किया तो स्विच ऑफ मिला। शक होने पर वह बेतिया गया तो वहां पता चला कि दोनों ने नौकरी दिलाने के नाम पर कई बेरोजगारों से 20 लाख से अधिक की ठगी की है। वहां दोनों पर मामले भी दर्ज हैं। दोनों घर बंद कर फरार थे। इस बाबत उन्होंने बोचहां थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।
गुड़गांव व सारण पुलिस को तलाश
      बाेचहां पुलिस को छानबीन में पता चला है कि अजय व रेणु ने गुड़गांव में नीतू नाम की लड़की से भी रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर चार लाख की ठगी कर रखी है। दोनों के खिलाफ मामले भी दर्ज हैं। यहीं नहीं, सारण जिले के महिला थाने व मुफस्सिल थाने में दोनों पर 14 लाख की ठगी का मामला दर्ज है। पुलिस का कहना है कि दोनों अलग-अलग जिलों में अपना ठिकाना बनाते हैं। लॉज के आसपास डेरा लेकर बेरोजगारों को अपना शिकार बनाने के बाद फरार हो जाते हैं।
फर्जी बेवसाइट बना कर हो चुकी है ठगी
     रेलवे भर्ती बोर्ड का फर्जी बेवसाइट बना कर लाखों रुपये ठगी करने का मामला काजी मोहम्मदपुर थाने में तीन साल पूर्व दर्ज हुआ था। बेवसाइट पर रिजल्ट घोषित कर बेरोजगारों से जॉइनिंग के नाम पर एक गिरोह पैसे ऐंठने में सक्रिय था। मुजफ्फरपुर रेलवे भर्ती बोर्ड की ओर चेयरमैन ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। तत्कालीन आईओ रामबालक यादव ने कोलकाता जाकर छानबीन की थी। दो लोगों को हिरासत में लेकर जेल भी भेजा गया था।

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