और वो ऊर्जा है वो पढ़े लिखे ऊर्जावान लोग, जिन्होंने अनेकों डिग्रीयां हासिल कीं, अनेकों उपलब्धियाँ हासिल कीं, अनेकों क्षेत्रों में शोध किए, विशिष्टताएं अर्जित कीं, अनेकों ने अपने अपने फन में पी एच डी की, ज्ञान और शिक्षा का भंडार इकट्ठा किया, लेकिन वक्त की मार, सही मार्ग दर्शन का आभाव, जान पहचान की कमी या बदकिस्मति जो भी नाम देना चाहें, ये प्रतिभााएँ, सभी समय रोजगार न मिलने के कारण ओवर एज हो गए, देश की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए इनका योगदान काम ही नहीं आ सका, आज ये ज्ञान के योद्धा उपेक्षा की जिंदगी जी रहे हैं, कितने ही दिमागी बीमारियों से लड़ रहे हैं, कुछ बेचारे मर गए और कुछ जी जरूर रहे हैं पर जो जिंदगी उन्हें मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिली जिसके वो हकदार थे। आप सोचिए कानूनी बाध्यता ने इन्हें इस तरह बाहर फेंक दिया है मानो ये इंसान ही नहीं थे, जब इस देश में नौ वीं पढ़ा एक आदमी मंत्री बन सकता है, तो इनका कसूर सिर्फ इतना है कि जिंदगी की दौड़ में रोजी रोटी ढूंडते ढूंडते ये तय उम्र से दो दो चार चार साल ऊपर निकल गए हैं और कूढे की टोकरी में फेंक दिए गए हैं।
सोचिए दोस्तो ये कितने सुंदर जीवन हैं जो धीरे धीरे मर रहे हैं, अब न इन्हें नौकरी मिल सकती और न ये व्यापार कर सकते हैं।
काश इनका टेलेंट इस राष्ट्र के काम आ पाता कितनी बड़ी क्षति है जो समाज को हो रही है, ये बहुत बड़े और विशेष सृजन कर सकते थे, जो समाज को अपनी बुद्धीमता से रोशनी दे सकते थे, उन सभी के जीवन में उपेक्षा है और केवल अँधेरा है।
मेरी अपील है और आप सबकी भी होनी चाहिए कि इन विशेष प्रतिभाओं के लिए कुछ नया कानून पारित किया जाए ताकि इनके योगदान और राष्ट्र के विकास के काम में लाया जा सके। ये लाखों हो सकते हैं, दोस्तो कितनी उम्मीदें कितनी खुशियाँ इन जीवनों में आएँगी। इन बड़े युवाओं को डूबने से यदि बचा लिया गया तो देश में एक नए युग की शुरुआत होगी, इस आनंद को महसूस करके देखिए, उन मायूस हारी आंखों में देखिए जो अपनी चमक खो चुकी हैं, उन्हें जीने की राह दीजिए, बड़े बड़े गैर सरकारी विभागों के मुखिया अपने दिल के दरवाजे खोलिए, इन्हें इनकी योग्यता के अनुसार रोजी रोटी देकर गले से लगाइए, ये इतने समर्पित और वफादार होंगे कि आप हैरान रह जाएँगे, आपकी उत्पादकता में चार चाँद लग जाएँगे, इनकी दुआएं आपके दुःखों को दूर कर देंगी। माननीय उद्योगपति आगे बढ़िए इनकी बढ़ी हुई उम्र पर न जाएँ यह क्रीम है इसे समेट लीजिए।