अब अफ्रीका के कट्टरपंथी भी भारत में कर रहे है बच्चियों की खरीद फरोख्त, हर वर्ष सैकड़ों भारतीय लड़कियों को विदेशी फ़िरंगी बनाते है अपना ग़ुलाम।
पहले ऐसी घटनाएं आम तौर पर हैदराबाद से सामने आती थी, जहाँ पर अरबी देशों से उम्रदराज आकर भारतीय बच्चियों को खरीदते थे, हैदराबाद में ये बिज़नेस बहुत बड़े पैमाने पर होता है, वैसे कुछ कट्टरपंथी लोगों के लिये मजहबी बातें होती है एवं अकसर छोटी छोटी बातो में उनकी नजर में मजहब खतरे में आ जाता है। परंतु ये कड़वी सच्चाई है कि हमारे देश में उनके जैसे ही कट्टरपंथी ही अरब, अफ्रीका के उम्रदराज शेखो को पैसे के लालच में अपनी बेटी सौंपने से गुरेज नहीं करते, और अब ऐसा ही एक मामला आया है केरल से, जहाँ पर मुस्लिम परिवार ने अफ़्रीकी मुस्लिम जो की उम्रदराज है उसके हाथों अपनी बेटी सौंप दी है।
ये एक भारतीय बच्ची ही है, जिसे उसके अब्बू और परिवार ने इस अफ़्रीकी मुस्लिम को सौंप दिया है, आप इस बच्ची की मनोस्तिथि का अंदाजा लगा सकते है, इसकी मानसिक स्तिथि क्या होगी ! अब सवाल यह है कि कोई भी कट्टरपंथी ऐसी घटनाओं का विरोध क्यों नहीं करता? छोटी छोटी बातों पर फतवे जारी करने वाले तमाम कट्टरपंथीयों को क्या इन घटनाओं के खिलाफ भी फतवे जारी नही करना चाहिये?
पहले ऐसी घटनाएं आम तौर पर हैदराबाद से सामने आती थी, जहाँ पर अरबी देशों से उम्रदराज आकर भारतीय बच्चियों को खरीदते थे, हैदराबाद में ये बिज़नेस बहुत बड़े पैमाने पर होता है, वैसे कुछ कट्टरपंथी लोगों के लिये मजहबी बातें होती है एवं अकसर छोटी छोटी बातो में उनकी नजर में मजहब खतरे में आ जाता है। परंतु ये कड़वी सच्चाई है कि हमारे देश में उनके जैसे ही कट्टरपंथी ही अरब, अफ्रीका के उम्रदराज शेखो को पैसे के लालच में अपनी बेटी सौंपने से गुरेज नहीं करते, और अब ऐसा ही एक मामला आया है केरल से, जहाँ पर मुस्लिम परिवार ने अफ़्रीकी मुस्लिम जो की उम्रदराज है उसके हाथों अपनी बेटी सौंप दी है।
ये एक भारतीय बच्ची ही है, जिसे उसके अब्बू और परिवार ने इस अफ़्रीकी मुस्लिम को सौंप दिया है, आप इस बच्ची की मनोस्तिथि का अंदाजा लगा सकते है, इसकी मानसिक स्तिथि क्या होगी ! अब सवाल यह है कि कोई भी कट्टरपंथी ऐसी घटनाओं का विरोध क्यों नहीं करता? छोटी छोटी बातों पर फतवे जारी करने वाले तमाम कट्टरपंथीयों को क्या इन घटनाओं के खिलाफ भी फतवे जारी नही करना चाहिये?