उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों को गड्ढामुक्त करने का ऐलान किया था। मगर विभागीय अफसर इस योजना के नाम पर धनराशि का बंदरबाट करने में जुट गए। कहीं पुराने काम को नया दिखाकर तो कहीं सिर्फ तारकोल छिड़ककर पूरा पैसा डकार जा रहे। और कहीं पर कागज पर काम दिखाकर वारा-न्यारा किया जा रहा। यह खुलासा किसी आम आदमी ने नहीं बल्कि बांदा से सत्ताधारी बीजेपी के सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा ने किया है। उन्होंने बांदा और चित्रकूट में सड़कों के गड्डामुक्त के नाम पर बड़े घोटाले की बात कहते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। भैरों प्रसाद मिश्रा वही सांसद हैं, जो संसद में सबसे ज्यादा उपस्थिति को लेकर सुर्खियों में रहे हैं।
बताया जा रहा है कि
बांदा और चित्रकूट तो नजीर हैं, सूबे के कई जिलों में पिछले एक साल में
सड़कों को गड्ढामुक्त करने के नाम पर कागजी काम कर पैसे डकारने का खेल चला
है। मार्च 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
15 जून तक एक लाख 21 हजार से अधिक किलोमीटर सड़कों को गड्ढामुक्त करने का
ऐलान किया था। हालांकि तय समय में टारगेट पूरा नहीं हो सका था। बाद में
अवधि बढ़ा दी गई थी। देखने में आया कि सड़कों को गड्ढामुक्त करने के नाम पर
सिर्फ पीडब्यूडी ने खानापूर्ति की। जिससे सरकार की मंशा धराशाय़ी हो गई।