

क्या बेटियों का काले झंडे दिखाना भी अमित शाह को रास नहीं आया ? यूपी की दो बहादुर लड़की जिनमे नेहा और रमा इलाहाबाद मे अमितशाह का काफ़िला रोक कर काले झंडे दिखाती है जिसके बदले मे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे लगाने वाली राजनैतिक पार्टी के अध्यक्ष के सामने ही पुलिस वाले उन दोनो क्रन्तिकारी बहनो पर लाठियां बरसाने लगते हैं, साथ मे उन असहाय लड़कियों के बाल पकड़ कर उनके साथ धक्का मुक्की करते है और फिर उन्हें जबरन पुलिस वेन मे ढकेल कर थाना लाया जाता है, जैसे उन्होंने कोई बड़ा अपराध कर दिया हो। यह घटित होता है स्वयं को राष्ट्रवादी पार्टी कहने वाली बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने हालाँकि इस शर्मनाक घटना के बाद उनकी समझदारी और मंशा का आंकलन जनता अच्छी तरह से कर चुकी है।
लेकिन यहाँ पुलिस वालो से भी एक सवाल है की क्या आपको आपका कानून यह इजाजत देता है की इस तरह से किसी महिला पर बेवजह ही लाठियां बरसाईं जाए उनके साथ बदसलूकी की जाए। क्या आप भी चमचागिरी और जीहजुरी मे इतना लिप्त हो गये की आप देश के कानून और संविधान को भूल चुके हैं? क्या आपको मालूम नही की सबको अधिकार है की वह काला झंडा दिखा सकता है फिर ये लाठियां क्यों बरसाई गई ? देश सलाम करता है, ऐसी बेटियों पर जिन्होने गलत का और गलत लोगों का विरोध करने का साहस किया और विरोध कर के भी दिखाया।
आपको याद होगा की 2014 की चुनावी तैयारियां, अगर किसी मुस्लिम दलित के साथ सपा सरकार के दौरान यूपी में ज़ुल्म या बलात्कार होता तो भाजपा तुरंत चुनावी रोटी सेंकने के लिए दलितों मुस्लिमों के समर्थन में सरकार को घेरने के लिए सड़के जाम कर देती थी या फिर कॉंग्रेस के खिलाफ़ तमाम बंदिश और प्रोटेस्ट होता रहता था लेकिन आज तो जैसे विपक्ष का कोई वजूद ही नज़र नही आता है। कभी-कभी तो ऐसा लगता है की विपक्ष वालों को राजनीति भी करनी नही आती, अरे भाई सरकार में आने के लिए और विरोध कैसे किया जाता है ये टिप्स भी भाजपा से सीख लो?
क्रंतिकारी नेहा और रमा आपको व आपके साथियों को यह देश सलाम करता है। आपको बता दें की नेहा और रमा अभी इलाहाबाद के धूमनगंज थाने में है जिनके साथ काफ़ी मारपीट भी की गई है जिसका अंदाज़ा आप तस्वीर को और विडिओ को देख कर लगा सकते हैं।
आपको याद होगा की 2014 की चुनावी तैयारियां, अगर किसी मुस्लिम दलित के साथ सपा सरकार के दौरान यूपी में ज़ुल्म या बलात्कार होता तो भाजपा तुरंत चुनावी रोटी सेंकने के लिए दलितों मुस्लिमों के समर्थन में सरकार को घेरने के लिए सड़के जाम कर देती थी या फिर कॉंग्रेस के खिलाफ़ तमाम बंदिश और प्रोटेस्ट होता रहता था लेकिन आज तो जैसे विपक्ष का कोई वजूद ही नज़र नही आता है। कभी-कभी तो ऐसा लगता है की विपक्ष वालों को राजनीति भी करनी नही आती, अरे भाई सरकार में आने के लिए और विरोध कैसे किया जाता है ये टिप्स भी भाजपा से सीख लो?
क्रंतिकारी नेहा और रमा आपको व आपके साथियों को यह देश सलाम करता है। आपको बता दें की नेहा और रमा अभी इलाहाबाद के धूमनगंज थाने में है जिनके साथ काफ़ी मारपीट भी की गई है जिसका अंदाज़ा आप तस्वीर को और विडिओ को देख कर लगा सकते हैं।
