बीजेपी नेताओं की एंट्री हुई बैन, आए तो सुरक्षा की गारंटी नहीं
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बीजेपी नेताओं की एंट्री हुई बैन, आए तो सुरक्षा की गारंटी नहीं

यूपी के आठ गांवों में लगे चेतावनी बोर्ड
     हाल में किसान आंदोलन के चलते दिल्ली में प्रशासन के साथ हुई झड़प को लेकर किसानों की नाराजगी शांत होने का नाम नहीं ले रही है। अब ऐसी खबरें हैं कि उत्तर प्रदेश के अमरोहा में आठ गावों के किसानों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं से बदला लेने का मूड बना लिया है। गावों में ऐसे बोर्ड देखे जा रहे हैं जिनमें लिखा गया है, ”किसान एकता जिंदाबाद। बीजेपी वालों का इस गांव में आना सख्त मना है। जान, माल की स्वयं रक्षा करें।” 
    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी नेताओं के लिए धमकी भरे ये बोर्ड रसूलपुर माफी, गालिब बड़ा, छज्जापुर माफी, बाखरपुर माफी, अम्हेड़ा और रामपुर जुन्नारदार आदि गांवों में देखे गए हैं। खबर है कि इन बोर्ड्स को लेकर प्रशासन का भी सुस्त रवैया देखा जा रहा है। कुछ एक गावों में बोर्ड्स को रात में पुलिस के द्वारा पुतवाने या हटाने की कोशिश की गई लेकिन नतीजा सिफर कर रहा। बोर्ड्स पर फिर से बीजेपी के खिलाफ संदेश लिख दिए गए। अमरोहा के ही नवगवां सादात विधासभा सीट से आने वाले बीजेपी विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान ने इस घटना पर अफसोस जताया है।
     चौहान ने किसानों की नाराजगी को देखते हुए इसका ठीकरा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिर फोड़ा है। उन्होंने बीजेपी को किसानों के हितों की रक्षा करने वाली पार्टी करार दिया और दिल्ली की घटना के लिए आम आदमी पार्टी सरकार पर आरोप मढ़ा। बीजेपी नेता ने आश्वासन दिया के किसानों की जो शर्तें मानी जा सकती हैं, उन पर सरकार मंथन कर रही है। अमरोहा कि किसानों का यह गुस्सा ऐसे वक्त सामने आ रहा है जब लोकसभा चुनाव नजदीक रह गए हैं और दिल्ली की घटना पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश सिंह टिकैट पहले ही बीजेपी को चुनाव में सबक सिखाने की बात कह चुके हैं।
    मीडिया से बातचीत में कुछ गांववालों ने बताया कि बीते दो अक्टूबर को किसान यात्रा में शामिल लोगों पर यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस ने बर्बरता की। उन पर लाठीचार्ज और वॉटर कैनन से हमला किया। ट्रैक्टरों के पहियों की हवा निकाल दी गई। जिस प्रकार किसानों पर अत्याचार हुआ, उसका बदला लिया जाएगा।

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