स्थानीय लोगों के अनुसार बांध में एक वर्ष से दरार थी।
कई बार प्रशासन से शिकायत भी की गई थी।
सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए दे रही है बेतुके तर्क
मुंबई।। महाराष्ट्र की रत्नागिरी नदी पर कुछ दिन पहले तिवरे बांध ढह गया जिससे 19 लोगो की मौत हो गई। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम नदी से अब तक 19 शव बरामद कर चुकी है, जबकि 4 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। हादसे को लेकर स्थानीय लोगों में सरकार और प्रशासन के प्रति जमकर नाराजगी है, तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र की फड़नवीस सरकार के मंत्री के बेतुके बयान ने लोगों का गुस्सा और बढ़ा दिया है। उक्त बांध का निर्माण भी शिवसेना के एक विधायक सदानंद चह्वाण की कंपनी द्वारा कराया गया था। मंगलवार की रात में अचानक ढह गए इस बांध में आसपास बसे 23 लोग बह गए थे। अब तक 19 शव ढूंढे जा चुके हैं, जबकि चार लोगों की तलाश अब भी जारी है। मात्र 19 साल पहले बनकर तैयार हुए इस छोटे से बांध का ढह जाना एक बड़े भ्रष्टाचार का नमूना माना जा रहा है।

केकड़ों की गिरफ्तारी की मांग

बांध को लेकर था सीमा विवाद
वहीं, मृत्कों के परिजनों ने स्थानिय प्रशासन को हादसे का जिम्मेदार ठहराया है। स्थानिय लोगों का कहना है कि बांध गलभग 14 साथ पुराना था और पिछले एक साल से बांध में दरार थी। प्रशासन से इसकी मरम्मत के लिए कई बार अनुरोध किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बताया जा रहा है कि बांध किस तहसील में पड़ता है, इसे लेकर विवाद था। ग्रामीणों ने चिपलून और दपोल दोनों जगहों पर बांध की मरम्मात कराने को लेकर आवेदन, लेकिन अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
गहरी नींद में सो रहे थे, जब बांध का पानी मौत बनकर उन्हें बहा ले गया