बलरामपुर/उत्तर प्रदेश।। मोदी सरकार द्वारा मुस्लिम परिवार की जीवन शैली में सुधार और सबको साथ सबको विकास की तर्ज पर मुस्लिमों के उत्थान के लिए गैर पार्टी के राजनीतिकों को राज्यों के राज्यपालों जैसी देश की उच्च पदों पर बैठाकर एवं तीन तालाक जैसी बिलों को पास कराकर उत्थान करने में लगी है। वही पर देश की बलरामपुर जिला तीन तलाक जैसे जिन्न से निजात पाने एवं कानून पर नही बना पा रहा है। साथ ही जिला में तीन तलाक का जिन्न रह रह कर नजर आता रहता है। ऐसा ही कुछ जिला बलरामपुर के रेहरा बाजार क्षेत्र के ग्राम मसीहाबाद में देखने मिला।
ये है मामला
यहां अब्दुल कुद्दूस नाम के शख्स ने पहले मुंबई से फोन पर अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया और बाद में कागज की चिट लिख कर दोबारा उसे तलाक दे दिया। जिसके बाद पीड़ित ने अब पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच कर न्याय की गुहार लगाई है। इस पर पीड़िता निशा बानो उर्फ शीला का आरोप है कि अब्दुल के छोटे भाई हामिद और बहनोई गुलाम रजा उर्फ प्रधान ने उसके साथ कई बार दुराचार करने का प्रयास किया और विरोध करने पर तलाक दिलाने की धमकी दी थी।
इस सब में उसकी सास भी शामिल थी और उसने भी कई बार शीला को मारा पीटा। बवाल बढ़ता देख पीड़िता के पति अब्दुल कुद्दूस के माता-पिता भी मुंबई चले गए। जिसके बाद मुंबई से ही फोन करके पति अब्दुल कुद्दूस ने पीड़िता को तीन तलाक दे दिया। पीड़िता का कहना है कि वह मजदूरी करके किसी तरह अपना जीवन यापन कर रही है। पीड़िता ना तो मायके जा सकती है और ना ही ससुराल वाले उसे अपनाने को तैयार है। ऐसे में अब उसे न्याय के लिए पुलिस और न्यायालय का ही सहारा है। इसीलिए अब उसने पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है। बता दें कि पीड़िता के साथ धर्म परिवर्तन कर निकाह रचाया गया था।