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मोहिते ने चालान काटने वाले कॉन्स्टेबल को 500 रुपये का इनाम दिया। उन्होंने बताया कि मैंने खुद ड्राइवर को तय सीमा से ज्यादा स्पीड पर कार चलाने के लिए कहा था। मैं देखना चाहता था कि टीम ओवर स्पीडिंग और लेन कटिंग जैसे मामलों में कार्रवाई करती है या नहीं।
मोहिते मंगलवार को पुणे से कोल्हापुर गए थे और बुधवार को वापस पुणे लौट रहे थे। बता दें कि राज्य सरकार ने एसएचपी टीमों को इंटरसेप्टर वीइकल दिए हैं। इसके अलावा उन्हें स्पीड गन भी दी गई हैं। ये टीमें राज्य के नैशनल और स्टेट हाइवे पर तेज रफ्तार, लापरवाही से गाड़ी चलाने जैसी घटनाओं पर ऐक्शन लेती हैं।
‘मैं देख रहा था कितने अलर्ट हैं कर्मचारी’
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में मोहिते ने कहा, ‘मैं कोल्हापुर स्थित एचएसपी के ऑफिस निरीक्षण के लिए गया था। मैंने ड्राइवर से कहा था कि कराड़ से गुजरते समय रफ्तार बढ़ा लेना। मैं देखना चाहता था कि हाइवे पैट्रोल टीम इंटरसेप्टर वीइकल और स्पीड गन जैसे उपकरणों का प्रयोग कर रही है या नहीं। मंगलवार को अपना निरीक्षण खत्म कर मैं अगले दिन लौट रहा था। जिस कॉन्स्टेबल ने चालान काटा था मैंने उसे 500 रुपये का इनाम दिया। पुलिस को नियमों के उल्लंघन पर सरकारी गाड़ियों का भी चालान करना चाहिए।’