हरियाली के नाम से विख्यात यह गांव बना कैंसर रोगियों की बस्ती

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How Cancer Cells Spread in the Body in Hindi | शरीर में ...ललूपुर गांव में कैंसर का कहर
   मैनपुरी।। कभी घनी हरियाली की वजह से सबका ध्यान अपनी ओर खींचने वाला गांव ललूपुर अब कैंसर रोगियों की बस्ती के नाम से सूबे में पहचाना जा रहा है। यहां आधा सैकड़ा से ज्यादा लोगों की कैंसर जान लील चुका है। कई परिवार तो ऐसे हैं जहां दूसरी और तीसरी पीढ़ी इस लाइलाज बीमारी की टीस  झेल रही है। ज्यादातर मौत दो तालाबों के किनारे रहने वाले परिवारों में हुई है।
     तालाब के पानी और कैंसर में क्या संबंध है। इसका कोई अध्ययन अभी तक नहीं किया जा सका है। गांव वालों की ओर से कराई जांच में पानी में फ्लोराइड की मात्रा आवश्यकता से कहीं अधिक पाई गई डॉक्टरों का कहना है कि गंदा और फ्लोराइड युक्त पानी पीने से इस रोग की आशंका बढ़ जाती है। हालात सही सही तो अध्ययन के बाद ही कहे जा सकता है। ग्रामीण सीमा, राजेंद्र, प्रमोद, मोहन आदि का कहना है कि सड़क किनारे बने तो सरकारी तालाब की सफाई बरसों से नहीं हुई है। पूरे गांव का गंदा पानी इन्हीं तालाबों में आता है अब हैंडपंपों से भी गंदा पानी आ रहा है। इसी पानी से सब्जियां और बर्तन धोते हैं और इसी से खाना पकाते हैं। इस संबंध में ग्राम प्रधान बालकिशन का कहना है कि गंदा पानी दलदल की वजह से जमीन में रिश्ता है। यह बाद में हैंडपंपों से होकर बाहर आता है। यही बीमारी की वजह है। जल निकासी के प्रबंध कराए जा रहे हैं।
कैंसर के आगे हार गई जिंदगी
    गांव में तालाब के आसपास लगभग दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। फुलवारी 50 वर्ष, दुर्विजय, किशन कुमार, राजेंद्र, रणबीर, ओम प्रकाश, कबीर दास, जीवा लाल, चेतराम, सर्वेश, ओमप्रकाश, अशोक कुमार, हरपाल सिंह की मौतें हो चुकी हैं। आधा सैकड़ा से अधिक पेट और मुख में कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी से आज भी जूझ रहे हैं।
मुख्यमंत्री के सामने भी उठा था मामला
    7 जून 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ललू पुर गांव में चौपाल लगाई थी। उस वक्त यह समस्या रखी गई थी। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग और दूसरे अफसरों को गांव में कैंप लगाने के आदेश भी दिए थे। सप्ताह भर खानापूर्ति के बाद जिम्मेदार चले गए। न तो पानी पर तो कोई अध्ययन हुआ और ना ही तालाब की साफ सफाई की गई।
क्या कहते है जिला अस्पताल के चिकित्सक
    कैंसर क्यों फैल रहा है इसकी वजह तो पता नहीं। मगर ग्रामीण वाकई फ्लोराइड युक्त दूषित पानी किसी न किसी माध्यम से ले रहे हैं। तो बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। इसकी सही जानकारी तो पानी की जांच से ही पता चल सकती है। डॉ. गौरव पारीख सर्जन जिला अस्पताल मैनपुरी
क्या कहते है सीएमओं मैनपुरी
   मुख्यमंत्री के आदेश के बाद गांव ललूपुर में कैंप लगाकर संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग कराई गई थी। जिन मरीजों में प्रारंभिक लक्षण मिले थे। उन्हें हायर सेंटर के लिए जांच कराने की सलाह दी गई थी। गांव में बाद में भी  कैंप लगाकर मरीजों के परीक्षण किए जा रहे हैं- डॉ. एके पांडे सीएमओ मैनपुरी

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