अल्ट्रासाउंड से पहले लगाया जाने वाला तरल चिपचिपा पदार्थ क्या होता है?

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अल्ट्रासाउंड से पहले लगाया जाने वाला तरल चिपचिपा पदार्थ क्या होता है और क्यों लगाया जाता है?
   आपने अक्सर देखा होगा अल्ट्रासाउंड स्कैन करने से पहले एक जेल का प्रयोग किया जाता है उस अंग पर जिसका अल्ट्रासाउंड स्कैन लेना होता है I क्या बिना जेल के अल्ट्रासाउंड नहीं हो सकता ?
बिना जेल के उपयोग से अल्ट्रासाउंड :
   अगर आप अल्ट्रासाउंड स्कैन करते समय जेल का उपयोग नहीं करते है तो पेसेन्ट की स्किन और प्रोब के बीच एयर की वजह से उनके बीच acoustic impedance ( वेव्स का एक मीडियम से दूसरे मीडियम में जाने के लिए उपयोगी) बढ़ जाएगा और वेव्स शरीर के अंदर ना जाकर बाहर से ही परावर्तित हो जाएगी या शरीर के कुछ अंदर जा कर परावर्तित हो जाएगी जिससे अच्छी इमेज नहीं मिलेगी I
जेल के उपयोग से अल्ट्रासाउंड :
   अगर आप अल्ट्रासाउंड स्कैन करते समय शरीर और प्रोब के बीच जेल लगाते है तो इससे एयर के होने की संभावना ना के बराबर होती है और acoustic impedance भी कम होता है I जिससे वेव्स एक मीडियम से दूसरे मीडियम मे आराम से ट्रैवल करती है और किसी भी टिशू से टकराने पर कुछ वेव्स परावर्तित होकर प्रोब तक आती है और कुछ टकराने के बाद आगे निकल जाती है और वहां से आगे के टिशू या यंत्रों से टकराकर वापस आती है I इसकी वजह से हमे शरीर के डीप के अंगों की अच्छी इमेज देखने को मिलती है। जेल मुख्यतः पानी और प्रोपीलीन ग्लाईकोल का बना होता है। 

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