ड्यूटी के दौरान हृदयाघात से हुए थे शहीद, राजकीय सम्मान के साथ निकली अंतिम यात्रा
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ड्यूटी के दौरान हृदयाघात से हुए थे शहीद, राजकीय सम्मान के साथ निकली अंतिम यात्रा

नायब सूबेदार ड्यूटी के दौरान शहीद, देहरादून आर्मी डिपो में थे तैनात
  बांसवाड़ा/उदयपुर/राजस्थान।। वागड़ क्षेत्र बांसवाड़ा के लाडले श्री शैलेश पंचाल पुत्र लक्ष्मीचंद पंचाल (नायक सुबेदार सप्लाई डिपो देहरादून, इंडियन आर्मी) ड्यूटी के दौरान शहीद हो गये थे। शहर के खांदू कॉलोनी निवासी 42 वर्षीय फौजी शैलेश पंचाल पुत्र लक्ष्मीचंद पंचाल नायक सूबेदार सप्लाई डीपो देहरादून इंडियन आर्मी की पार्थिव देह आज पूरे सम्मान के साथ देहरादून से हवाई जहाज द्वारा बांसवाड़ा के लिए भेजी गई। शैलेश पंचाल की पार्थिव देह को लेकर उनके भाई मोहनीश पंचाल और प्रयास पंचाल हवाई जहाज से देहरादून से शनिवार शाम 6 बजे बाद उदयपुर हवाई अड्डे पर पहुंचे। जहां शहीद की पार्थिव देह को मोर्चरी में रखा गया। वही रविवार सुबह सेना के वाहन से उदयपुर से पार्थिव देह को जानामेड़ी लाया जाएगा, जहां कुछ देर ठहराव के बाद अंतिम यात्रा बांसवाड़ा शहर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरती हुई खांदू कॉलोनी स्थित पैतृक आवास पर पुरे राजकीय सम्मान से लाई जाएगी। शहर के मुख्य मार्ग होकर निकलने वाली शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल लोगो द्वारा "शहिद शैलेश पंचाल अमर रहे, जब तक सूरज चाँद रहेगा शैलेश आपका नाम रहेगा" आदि नारों से शहीद के प्रति सम्मान व्यक्त किया गया। वही अंतिम दर्शन और सामाजिक क्रियाओं के पूर्ण होने के बाद पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहर के खांदू कॉलोनी स्थित मोक्ष धाम पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 
 
खांदू काॅलोनी मोक्ष धाम में होगा अंतिम संस्कार
  फौजी शैलेश पंचाल के पिता सेवानिवृत्त फौजी लक्ष्मीचंद पंचाल ने बताया कि रविवार सुबह करीब 10 बजे तक शैलेश पंचाल की पार्थिव देह खांदू कॉलोनी स्थित आवास पर लाई जाएगी। खांदू कॉलोनी मोक्षधाम पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद सैनिक शैलेश पंचाल की पत्नी भाग्येश्वरी पंचाल और पुत्र उत्कर्ष(16) और कुणाल(5) बठिंडा से शनिवार शाम 5 बजे खांदू कॉलोनी स्थित आवास पर पहुंचे। शैलेश पंचाल का परिवार बठिंडा में ही रह रहा था।  
ड्यूटी के दौरान हुए थे शहीद 
  देहरादून आर्मी डिपो में तैनात नायब सूबेदार शैलेश पंचाल ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को किए जाने की संभावना है। मिली जानकारी के अनुसार वे 42 वर्ष के थे और करीब 20 वर्षों से भारतीय सेना में तैनात थे। शुक्रवार सुबह उनके भाई मोहनीश जब अपने बुजुर्ग माता-पिता को लेकर उदयपुर उपचार के लिए जा रहे थे, इसी दौरान रास्ते में नायब सूबेदार शैलेश के शहीद होने की सूचना मिली। 
  
   बताया गया कि शैलेश का निधन हृदयाघात से हुआ था। इसके बाद उन्होंने बांसवाड़ा में अपने रिश्तेदारों व समाज के लोगों को इसकी जानकारी दी। समाज के लाडले बेटे के शहीद होने की सूचना पर बड़ी संख्या में लोग खांदू कॉलोनी में एकत्र हुए और उसके रिश्तेदारों को ढांढस बंधाया। शहीद का शव देहरादून से उदयपुर होकर शनिवार को बांसवाड़ा पहुंचने की संभावना है। इसके बाद यहां खांदू कॉलोनी मोक्ष धाम पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
  बताया गया की उनके भाई के पास नायब सूबेदार शैलेश के शहीद होने की सुचना मिली तब से परिवार वाले स्थब रह गए। 42 वर्ष के नायब सूबेदार शैलेश 20 वर्षो से भारतीय सेना में तैनात थे।
  शहीद का शव देहरादून से उदयपुर होकर बांसवाड़ा पहुंचा। इसके बाद यहां खांदू कॉलोनी मोक्ष धाम पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। गौरतलब है कि शहीद शैलेश के पिता लक्ष्मीचंद पंचाल भी भारतीय सेना में सेवारत रहे और सेवानिवृत्ति के बाद बांसवाड़ा में निवासरत है, वही शहीद के पिता लक्ष्मीचंद जी पंचाल का कहना है कि उनका एक बेटा ओर है उसे भी फ़ौज में भेजना था लेकिन किसी कारणवश उसका चयन नहीं हो सका था।

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