News Today Time Group - Digital News Broadcasting - Today Time Group - Latest News Today News Today: Hindi News Boradcasting Today Group - Real-Time News शहीदों की वीरांगनाओं को धरना देना पड़े इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या हो सकती?
Headline News
Loading...

Ads Area

शहीदों की वीरांगनाओं को धरना देना पड़े इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या हो सकती?

आखिर गहलोत सरकार अपने वादे पूरे क्यों नहीं कर रही?
   जयपुर/राजस्थान।। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दावा करते हैं कि उन्होंने जनता की भलाई के लिए जो कार्य किए हैं उसी की बदौलत राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट होगी। लेकिन इसके विपरीत जयपुर में तीन शहीदों की वीरांगनाओं को छोटी छोटी मांगों को लेकर धरना देना पड़ रहा है। यह वीरांगनाएं एक मार्च को भी राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के साथ जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठी रहीं। 
 28 फरवरी को जब इन वीरांगनाओं ने विधानसभा के बाहर धरने पर बैठने का प्रयास किया तो पुलिस ने बड़ी बेरहमी से इन्हें खदेड़ दिया। डॉ. मीणा ने कहा कि सीएम गहलोत स्वयं को महिलाओं के प्रति संवेदनशील बताते हैं, लेकिन जयपुर पुलिस ने वीरांगनाओं के साथ जो दुर्व्यवहार किया है वह पुलिस के गैर जिम्मेदाराना रवैये को प्रकट करता है। मीणा ने कहा कि जब तक ये वीरांगनाएं धरने पर बैठी है, तब तब मैं भी इनके साथ धरने पर ही बैठूंगा। वीरांगनाएं धरने पर बैठे इससे ज्यादा किसी सरकार के लिए शर्मनाक बात नहीं हो सकती।
अधूरी घोषणाएं
  शहीद रोहिताश लांबा के छोटे भाई को अनुकंपा नियुक्ति, गांव में 25 किलोमीटर सड़क बनाने और शहीद स्मारक स्थल बनाने की घोषणा सरकार की ओर से की गई थी। लेकिन राज्य सरकार की यह घोषणा आज तक भी पूरी नहीं हुई। इसी प्रकार शहीद जीत राम गुर्जर के नाम पर भरतपुर के राजकीय कॉलेज का नाम रखने, भाई विक्रम सिंह को अनुकंपा नियुक्ति देने तथा शहीद स्मारक बनाने की घोषणा भी पूरी नहीं की गई। सांगोद के अदालत चौराहे पर शहीद हेमराज मीणा की प्रतिमा लगाने शहीद के गांव से ढाणी तक सड़क बनाने गांव का स्कूल क्रमोन्नत करने की मांग को भी पूरा नहीं किया गया, जबकि ऐसी सभी घोषणाएं शहीद के अंतिम संस्कार के समय सरकार की ओर से की गई थी।

Post a Comment

0 Comments