नक्सली भय से फिर 10 भाजपाईयों ने दिया इस्तीफा

बस्तर में इस्तीफा देने वाले भाजपाईयों की संख्या हुयी 28
     जगदलपुर।। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में आज फिर 10 भाजपा नेता एवं कार्यकर्ताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से सामूहिक इस्तीफा दे दिया। पिछले ढाई-तीन माह से नक्सलियों द्वारा भाजपा नेताओं की हत्या एवं धमकियों से इस्तीफे का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले माह 17 जून को ही भोपालपटनम ब्लॉक के 17 भाजपाईयों ने एक साथ त्याग पत्र देकर राजनीति से तौबा कर ली थी।
      आज आवापल्ली एवं उसूर इलाके के 10 भाजपाईयों ने जिलाध्यक्ष जी वेंकट राव को सामूहिक इस्तीफा सौंपा है। हालांकि सभी ने इस्तीफे के पीछे वजह पारिवारिक कारणों को बताया है, लेकिन हकीकत यह है कि नक्सली दहशत के कारण ही भाजपा नेताओं द्वारा इस्तीफा दिया जा रहा है। नक्सली भय के चलते भविष्य में और भी भाजपा नेताओं के इस्तीफे की संभावनाएं बनी हुयी हैं।
कब और कैसे हुयीं वारदातें
     उल्लेखनीय है कि विगत 3 माह में दो भाजपा नेताओं की नक्सलियों ने नृशंस हत्या की है। भोपालपटनम के भाजपा नेता मज्जी रामसाय की हत्या के साथ ही अब तक नक्सली तीन जिला पंचायत सदस्यों को मौत के घाट उतार चुके हैं। बोरगुड़ा के सरपंच यालम नारायण की दो माह पहले नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। 2004-05 में नक्सलियों ने उसूर इलाके में जिला पंचायत सदस्य रहे विजय गिरी को मार डाला था। इसके बाद विधायक एवं इस समय वनमंत्री महेश गागड़ा के काफिले पर पैगड़पल्ली के निकट हुए हमले में जिला पंचायत सदस्य रमेश पुजारी को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
थम नहीं रहा इस्तीफे का सिलसिला
      गौरतलब है कि 10 जून को मद्देड़ क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य व भाजपा नेता मज्जी रामसाय को मौत के घाट उतारकर नक्सलियों ने पर्चा छोड़ा था, इसमें भाजपा नेताओं को पार्टी छोडऩे या अंजाम भुगतने की चेतावनी दी गयी थी। इस धमकी के बाद 16 जून को भाजपा के भोपालपटनम मंडल अध्यक्ष नीलम गणपत ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। तत्पश्चात अगले ही दिन 17 जून को 10 कार्यकर्ताओं ने सामूहिक त्यागपत्र देकर पार्टी पदाधिकारियों को चौंका दिया था। अब पुन: 10 भाजपाईयों के इस्तीफे ने पार्टी को विचार मंथन के लिए विवश कर दिया है।
दहशतजदा हैं भाजपायी
     विगत 28 अप्रैल को लोक सुराज अभियान के दौरान भोपालपटनम व तिमेड़ पहुंचे मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों से भी इसी दहशत के चलते क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों ने दूरी बनाए रखी थी। समझा जाता है कि नक्सलियों के विरूद्ध राज्य की सत्ता में बैठी भाजपा सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान के दबाव में नक्सलियों द्वारा भाजपा नेताओं को निशाना बनाने की रणनीति के तहत हत्या की जा रही है। जब से भाजपा नेताओं की हत्या का दौर शुरू हुआ है, धुर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के भाजपा नेताओं में दहशत का आलम है।
क्या कहते हैं भाजपाध्यक्ष
     इधर बीजापुर भाजपाध्यक्ष जी वेंकट ने 10 पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा कि कारण चाहे जो भी बताए जाएं, किंतु हकीकत यह है कि नक्सली भय से ही पार्टी के लोग निरंतर त्यागपत्र दे रहे हैं।
 
 
(सुधीर जैन)

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