केंद्र की मोदी सरकार ने अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पोट्र्स एंड एसईजेड पर लगा 200 करोड़ रुपए का जुर्माना वापस लेने का फैसला किया है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के आरोप में यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान यह जुर्माना लगाया गया था। बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पर्यावरण संबंधित नियमों के उल्लंघन के लिए लगाया गया यह सबसे बड़ा जुर्माना था। खबर के मुताबिक, इसके अलावा भी कंपनी के गुजरात के मुंद्रा स्थित वाटरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को 2009 में पर्यावरण मंत्रालय की ओर से क्लीयरेंस मिला था, उसे और बढ़ा दिया गया है। साथ ही, कंपनी को जारी कई नोटिस को भी वापस ले लिया गया है।
