बिहार में 42 फेल छात्रों को प्रथम श्रेणी में कराया पास

    एसआईटी ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में एक और घोटाले का पर्दाफाश किया है.
      इस बार एसआईटी ने 42 ऐसे छात्रों को पकड़ा है जो फेल कर गए थे लेकिन दोबारा उन्हें प्रथम श्रेणी से पास करा दिया गया. सभी बच्चा राय के बीआर कॉलेज के छात्र-छात्राएं हैं. सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर अभियुक्त बनाया गया है. एसएसपी मनु महाराज और एसआईटी प्रमुख सिटी एसपी चंदन कुशवाहा ने यह जानकार दी.
     एसआईटी के मुताबिक इंटर टॉपर्स घोटाले की जांच में पुलिस कोलकाता प्रोसेसिंग यूनिट के संपर्क में थी. पुलिस टीम कॉपियोंह समेत प्रवेश-पत्र और प्रश्न-पत्र की छपाई के मामले की जांच में लगी थी. इसी क्रम में एसआईटी को पता चला कि 42 छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जो पहली बार परीक्षा में फेल कर गए थे लेकिन दोबारा उन लोगों को प्रथम श्रेणी से पास करा दिया गया. पुलिस को जांच में यह भी पता चला कि इस वर्ष की परीक्षा में चार लोगों को टॉप कराया गया था.
      इसके अलावा 42 फेल छात्रों को दोबारा पंजीयन कराकर नये रॉल नंबर के आधार पर पास कराया गया. एसआईटी के मुताबिक जांच के क्रम में पुलिस को पहले एक फेल छात्र का दोबारा पंजीयन और रॉल नंबर मिला.
      पहले पंजीयन और रॉल नंबर में छात्र फेल था, लेकिन उसे पास करा दिया गया. इसके बाद पुलिस के कान खड़े हो गए. इस संबंध में प्रोसेसिंग यूनिट में पूछताछ की तो वहां 42 ऐसे छात्र-छात्राएं पास मिलीं, जो पहले फे लहो गई थीं. पुलिस के मुताबिक इनमें 30 इंटर साइंस, 10 आर्ट्स और दो कामर्स के हैं. पुलिस ने सभी के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है.
    इन लोगों की धरपकड़ के लिए पुलिस टीम को निर्देश दे दिया गया है. पुलिस को जानकारी मिली थी कि इस तरह का धंधा दो वर्षो से चा रहा था. पूर्व बोर्ड अध्यक्ष लालकेर और बच्चा राय की मिलीभगत से ही इस घोटाले को भी अंजाम दिया गया. इसमें लाखों रुपये की वसूली की गई.
     एसआईटी ने एक बरार फिर बैंकों को निर्देश दिया है कि वे इंटर घोटाले के आरोपितों के खातों की जानकारी पुलिस को उपलब्ध कराएं. पुलिस ने खातों को फ्रीज करा दिया था लेकिन उनके खातों का ब्यौरा नहीं मिल सका था. पुलिस फरार टॉपरों और उनके पिता की संपत्ति की कु र्की करेगी.


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