अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस ने यह रिपोर्ट दी है। समाचार पत्र ने अपने पास वीडियो फुटेज होने का दावा किया है। ये फुटेज शुक्रवार रात और शनिवार को शूट किए गए थे। कराची के जैकब लाइंस इलाके में शुक्रवार को शूट किए गए वीडियो में एक व्यक्ति यह कहते हुए सुनाई दे रहा है कि जैश ए मोहम्मद के मुजाहिदीनों की मदद कीजिए। ये तो इस्लाम के मुजाहिदीन है। ये कश्मीर में भारत के खिलाफ और अफगानिस्तान में अमरीका के खिलाफ लड़ रहे हैं।
जामिया उलूम ए इस्लाम सेमिनरी के बाहर खड़ा एक शख्स कहता है, जैश के बहादुर लड़कों के लिए खुले दिन से दान कीजिए। ये इस्लाम के लिए जंग लड़ रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि जब लोगों से चंदा एकत्र किया जा रहा था तब वहां पुलिस भी तैनात थी लेकिन पुलिसकर्मी तमाशा देख रहे थे। जामिया उलूम ए इस्लाम से कई आतंकियों का रिश्ता रहा है। इनमें जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर का नाम भी शामिल है। इसके अलावा हरक उल जिहाद अल इस्लामी का नेता कारी सैफुल्ला अख्तर और हरकत उल मुजाहिदीन का नेता फजल उल रहमान भी यहीं से ताल्लुक रखता है।
रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में पैदा हुआ और अब कराची से ऑपरेट कर रहा अल कायदा का इंडिया सब्कॉन्टिनेंट चीफ शमी उल हक भी जामिया उलूम ए इस्लाम सेमिनरी से जुड़ा है। उसे पिछले हफ्ते ही अमरीका ने ग्लोबर टेररिस्ट डिक्लेयर किया है। शमी ने पिछले शुक्रवार को एक ऑन लाइन मैसेज में जिहादियों से हिंदुओं पर हमले करने को कहा था। उसने कहा था कि अगर हिंदुओं पर हमले हुए तो उनके सुर बदल जाएंगे यानि उन्हें सबक मिल जाएगा।
2002 में भारतीय संसद पर हमले के बाद जैश ए मोहम्मद को पाकिस्तान ने बैन कर दिया था लेकिन ये सिर्फ कागजी बैन है। जैश पाकिस्तान आर्मी के सेंटर्स का इस्तेमाल ट्रेनिंग के लिए करता है। सैटेलाइट इमेजेस से इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के बाद विदेश मामलों के पाक पीएम नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज ने भी माना था कि एयरबेस पर हमला करने वाले आतंकी जैश के बहावलपुर स्थित मुख्यालय के संपर्क में थे।