
गुरुपूर्णिमा की पूर्व संध्या पर अनूठा आयोजन
नौनिहालों को मिली शिक्षण सामग्री
बांसवाड़ा।। उत्तम सेवा धाम पर सोमवार को श्री उत्तम महिला सेवा समिति द्वारा गोद लिए 200 निर्धन विधार्थियो को शिक्षण सामग्री (स्कूल ड्रेस, जूते, मोजे, किताबे, कॉपी )वितरण समारोह परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री उत्तम स्वामीजी के सानिध्य में आश्रम परिसर में आयोजित हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भाई प्रहलाद मोदी थे जबकि विशिष्ट अतिथि त्रिनेत्र सिमेन्ट के मुख्य प्रबंधक एस.के तिवारी व डा.धर्मेन्द्र रिछारिया थे।
बेटी बचाओ, बेटी पढाओ के मुख्य उद्देश्य को लेकर आयोजित इस कार्यक्रम में 200 छात्रों को पाठ्य सामग्री,विद्यालय गणवेश,जूते-मोजे वितरित किए गए वहीं विद्यालय व महाविद्यालय के छात्रो को वार्षिक शुल्क वितरित करने के साथ 10 निर्धन परिवारों को राशन सामग्री वितरित की गई। इस मौके पर पिछले शैक्षणिक सत्र में विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए उत्तम स्वामी ने कहा कि बालिका सुरक्षित तो संस्कार व संस्कृति सुरक्षित रहेगी। उन्होंने मनुष्य मात्र के लिये अच्छा करने का आह्वान करते हुए कहा कि निर्धन, असहाय बच्चों के लिये दान करने वाले को आत्मिक शांति मिलती है। बचपन के संस्कार, संस्कृति व संगत हम नही भूल पाते है
उन्होंन कहा कि छात्रों को बचपन मे अच्छे संस्कार,संगति व शिक्षा की आवश्यकता है ताकि वो देश के अच्छे नागरिक बन सके। उन्होंने शिक्षा व संस्कार के सेतू बनने का आह्वान किया और कहा कि मैं स्वप्न बडे देखता हूं। अभी लगभग पांच हजार बच्चे जुड़े हुए है ये संख्या 20-25 हजार तक पहुंचे ऐसी गुरुकुल शिक्षा उपलब्ध हो ऐसी व्यवस्था करने की ईच्छा है जहां सस्कारो का सिंचन हो। गुरूदेव ने कहा कि अब से वे गुरु पूर्णिमा व कथा से प्राप्त राशि असहाय व निर्धन छात्रों की शिक्षा पर खर्च करुेंगे।
समारोह में समिति की अध्यक्ष मधु गांधी ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। संचालन ज्यामिति पाठक ने किया।
समिति की जयश्री आचार्य, रुचि उपाध्याय, योजना मेहता, रत्ना अय्यर, रानू नानावटी, गिरिराज सिसोदिया, रेणुका जोशी, हेमलता उपाध्याय, गीता राठोड, हर्षा भट्ट आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर रा.बा.उ.मा.वि.चन्द्रपोल की छात्राओं ने प्रीति कुलश्रेष्ठ के निर्देशन में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी।