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भक्तों पर कृपा आये न आये ऐसे गुरुओं के बैंक खातो में कृपा जरुर आ जाती है....





उत्तम सेवा धाम पर गूंजा 'जय-जय गुरुदेव' का जयकारा
हजारों गुरुभक्तों ने किए गुरुदेव के दर्शन, दिनभर लगा रहा मेला 
  बांसवाड़ा।। शहर के उदयपुर रोड़ जानामेड़ी स्थित उत्तम सेवा धाम रवीन्द्र ध्यान आश्रम में ध्यानयोगी महर्षि उत्तम स्वामी के सानिध्य में मंगलवार को गुरुपूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया।  इस मौके पर न सिर्फ वागड़ अंचल अपितु प्रदेश के कई जिलों व समीपस्थ महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश जिलों के हजारों गुरुभक्त की उपस्थिति में दिनभर यहां मेला लगा रहा। गुरुभक्तों ने इस दौरान यहां पहुंच कर गुरुदेव ध्यानयोगी उत्तम स्वामी के दर्शन, पूजन कर आशीर्वाद ग्रहण किया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आज गुरुदीक्षा भी ली।   
दिल से जाएं गुरु की शरण में: उत्तम स्वामी
    गुरुपूर्णिमा पर आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए ध्यानयोगी महर्षि उत्तम स्वामी ने कहा कि  कि गुरु का अर्थ  आत्म तत्व की प्राप्ति होता है ,हमें आत्म तत्व की प्राप्ति में निरंतर रत रहना चाहिये। यह गुरु तत्व जगत का श्रेष्ठ तत्व है। उन्होंने मानव जीवन में गुरु की आवश्यकता को अपरिहार्य बताया और कहा कि गुरु की तुलना किसी से नहीं हो सकती है। विचार रुपी गंगा गुरु लाता है। इस गुरु की शरण में हमें दिमाग से नहीं दिल से जाना चाहिये। समारोह में नरेन्द्र मोदी के भाई प्रहलाद मोदी, मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक,केकडी विधायक शत्रुघ्न गौतम,मउरानीपुर (झांसी) विधायक डा.रश्मि आर्य ,पप्पू सेठ,बांसवाडा विधायक धनसिंह रावत व विनोद जी ने विचार व्यक्त किये।
व्यावसायिक गुरुओं पर किया व्यंग्य: 
    अपने संबोधन में स्वामी जी ने आधुनिक व्यावसायिक गुरुओं पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि कृपा आयेगी कहने मात्र से कृपा नहीं आती, हां भक्तों पर कृपा आये न आये ऐसे गुरुओं के बैंक खातो में कृपा जरुर आ जाती है। 
भगवान की मानो: 
    गुरुदेव ने कहा कि हम भगवान को मानते है लेकिन भगवान की नहीं मानते है। अगर हम भगवान की मानने लगे तो सदा सुखी रहेंगे ।
विद्यादान के लिए खर्च होगी गुरुदक्षिणा: 
     उत्तम स्वामी ने इस अवसर पर गुरु दक्षिणा में प्राप्त समस्त राशि निर्धन व असहाय छात्रों की शिक्षा में खर्च करने की घोषणा की। उन्होंने वर्तमान में उत्तम स्वामी शिक्षण संस्थान के तत्ववधान में चल रहे 30 विद्यालयों की संख्या अगले वर्ष 60 करने को कहा। उन्होंने कहा कि नये मंदिरों के निर्माण की तुलना में  मैं निर्धन व असहाय छात्रो की शिक्षा व्यवस्था करने में मेरा अधिक विश्वास है।
गुरुपादपूजन व गुरुमंत्र दीक्षा भी हुईः 
     उत्तम सेवा धाम पर मंगलवार को  गुरुपूर्णिमा महोत्सव के तहत सुबह सामूहिक गुरुपूजन हुआ जिसमें दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने गुरुपाद पूजन किया और आरती उतारी। इस दौरान गुरु महिमा के भजनों की स्वर लहरियां धाम परिसर को गूंजायमान करती रही। दोपहर में से गुरुमंत्र दीक्षा हुई जिसमें सैकड़ों लोगों ने गुरुदीक्षा ग्रहण की। समारोह में गुरुदेव का पाद पूजन संजय झंवर (चित्तोडगढ़) ने किया। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्रीवर्धनजी, गिरीश केमकर, निखिलेश त्रिवेदी, संजय नागरे, पुष्करण सोनी, बोबी बुंदेला, रवि सोनी, डा.दिव्य भारत पंड्या, भारतभूषण गांधी, जलज जानी, महेश वैष्णव, सहित राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली व अनेक राज्यों के हजारों की संख्या में गुरुभक्त मौजूद थे। समारोह का आकर्षक संचालन साहित्यकार सतीश आचार्य ने किया।