मौजूदा कंडक्ट रूल्स के मुताबिक सरकारी अधिकारी रेडियो, पब्लिक मीडिया, किसी दस्तावेज या मीडिया को दिए संबोधन में सरकार की बुराई नहीं कर सकते हैं। नया नियम सोशल मीडिया के लिए बनाया जा रहा है, जिस पर कई अधिकारी पहले से ही मौजूद हैं। ऑल इंडिया सर्विस (कंडक्ट) रूल्स 1968 में नया नोट जोड़ने का प्रस्ताव है। इसके मुताबिक, 'सेवा में मौजूद सदस्य को टीवी, सोशल मीडिया और दूसरे किसी कम्युनिकेशन ऐप पर ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। डॉक्युमेंट में कैरिकेचर भी शामिल होगा।'
ऐसा होने के बाद ट्विटर, फेसबुक या वॉट्सऐप पर सरकार की आलोचना में कैरिकेचर बनाने वाले अधिकारियों पर कंडक्ट रूल्स के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। ऑल इंडिया सर्विस रूल्स की समीक्षा के लिए एक कमिटी गठित की गई थी। इसी कमिटी ने इसमें कुछ बदलावों की सिफारिश की है।
नियमों के तहत अगर किसी अधिकारी के बयान से केंद्र या राज्य सरकार की मौजूदा नीति या कदम की आलोचना होती हो, केंद्र के राज्य सरकारों या दूसरे देशों के साथ संबंधों पर बुरा असर पड़ता हो तो उन्हें सरकार की आलोचना माना जाता है। हालांकि, सरकारी अधिकारियों को सोशल मीडिया पर आने से पहले सरकार से इजाजत नहीं लेनी होगी।
इसके अलावा, सरकार की योजना अधिकारियों को सार्वजनिक निकायों या संस्थानों द्वारा आयोजित होने वाले कम खर्चीले मनोरंजक आयोजनों में भाग लेने तक सीमित करने की है। कंडक्ट रूल्स में दूसरे बदलाव के तहत अधिकारियों को अपनी दो महीने की बेसिक पे के दोगुने से ज्यादा कीमत के सामान खरीदने की सूचना सरकार को देनी होगी। इससे पहले अधिकारियों को हर गाड़ी, फ्रिज, रेडियो, टीवी या घोड़ा खरीदने पर सरकार को जानकारी देनी होती थी।