भंवरी केस: CBI की जांच में सरकार डाल रही रुकावट, दल ने निदेशक को लिखा पत्र

     भंवरी देवी मामले की जांच में जुटी सीबीआई ने राज्य सरकार पर रुकावट डालने और असहयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं.
     भवरी देवी मामले में जाँच कर रही सीबीआई टीम को अब धमकियां मिल रही है. सीबीआई टीम के साथ साथ गवाहों को भी धमकाया जा रहा है. इस बीच जोधपुर सीबीआई जाँच टीम ने अपने निदेशक को पत्र लिखकर राज्य सरकार पर गम्भीर आरोप लगाए है. पत्र में कहा गया है की राज्य सरकार जाँच में सहयोग नहीं कर रही. साथ ही गवाहों को भी धमकाया जा रहा है.
      भंवरी देवी मामले की जांच में जुटी सीबीआई ने राज्य सरकार पर रुकावट डालने और असहयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. इस संबंध में जांच दल ने सीबीआई के विशेष निदेशक को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि जांच अधिकारी, पैरवी टीम एवं गवाहों को लगातार धमकियां मिल रही हैं.
      दो साल पहले तत्कालीन मुख्य सचिव के जारी निर्देशों के बावजूद सीबीआई टीम को न सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है, न ही वाहन उपलब्ध करवाया गया है. इस कारण अब तक 11 गवाह पक्षद्रोही हो चुके हैं. सीबीआई कैंप कार्यालय को सर्किट हाउस से खाली कर पुलिस की निगरानी वाले गेस्ट हाउस अथवा पुलिस लाइनों में रहने का दबाव भी बनाया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने इस प्रकरण में शीघ्र सुनवाई का आदेश दे रखा है, जबकि सरकार व अभियुक्तों के आचरण से सुनवाई में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है.
     एक सप्ताह पहले लिखे गए इस पत्र में पैरवी टीम ने आरोप लगाया है कि इस मामले में प्रभावशाली नेता जेल में बंद हैं संभवतया उनकी मदद करने की कोशिश में सीबीआई टीम को परेशान किया जा रहा है. इसलिए सरकार को कहा जाए कि वह सर्किट हाउस खाली नहीं करवाए. टीम को सुरक्षा उपलब्ध कराए.
सीबीआई दल ने पत्र में ये प्रमुख आरोप लगाए
- आरोपियों का स्थानीय पुलिस पर प्रभाव था. इसके बावजूद सरकार सीबीआई टीम, महत्वपूर्ण आर्टिकल, दस्तावेज व सबूतों को जिले के पुलिस विभाग के अन्वेषण भवन/पुलिस गेस्ट हाउस व ट्रांजिस्ट हॉस्टल में शिफ्ट करना चाहती है.
- प्रकरण में गवाहों के बयान से पहले उन्हें विशिष्ट लोक अभियोजक द्वारा ब्रीफिंग करने के लिए बुलाना पड़ता है. पुलिस की निगरानी वाले स्थानों पर पुलिस द्वारा गवाहों पर पक्षद्रोही होने का दबाव बनाया जा सकता है.
- प्रमुख आरोपी साढ़े चार साल से विभिन्न जेलों में हैं. पैरवी टीम, गवाह एवं अनुसंधान में लगे अधिकारियों को धमकियां मिल रही हैं. ग्यारह गवाह पक्षद्रोही हो चुके हैं.
- तत्कालीन सीबीआई के विशेष निदेशक के पत्र पर तत्कालीन मुख्य सचिव ने पैरवी टीम को एक स्थायी वाहन व सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए कहा था. दो वर्ष बाद भी न सुरक्षा मिली न वाहन.
- सरकार के अनुचित हस्तक्षेप से इस मामले की सुनवाई में बाधा उत्पन्न हो रही है.
मामला 5 साल पुराना, मदेरणा जैसे दिग्गज कांग्रेसी नेता हैं आरोपी
     भंवरी देवी मर्डर केस में राजस्थान का कद्दावर नेता महिपाल मदेरणा और कुछ हिस्ट्रीशीटर आरोपी हैं. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने इस मामले में तेज जांच और सुनवाई का आदेश दे रखा है. वहीं राज्य सरकार और आरोपियों के आचरण से सुनवाई में रुकावट पैदा हो रही है




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