
डकैतों के हमले के शिकार परिवार के सदस्य और नाबालिग पीड़िता के पिता (कैब चालक) ने कहा, ‘‘हमें लूटा गया, पीटा गया और हम सभी जानते हैं कि उन्होंने मेरी बेटी के साथ क्या किया. मैं चाहता हूं कि मेरी पत्नी और बेटी उन्हें सजा दें. अगर उन्हें तीन महीने में सजा नहीं हुई तो सभी तीनों खुदकुशी कर लेंगे.’’
गौरतलब है कि डकैतों के एक गिरोह ने शुक्रवार की रात नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे एक परिवार की कार राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 91 पर बुलंदशहर में रोककर बंदूक के बल पर एक महिला और उनकी 13 वर्षीय बेटी को बाहर खींचकर उनका कथित रूप से बलात्कार किया था.
पीड़िता के पिता ने कहा, ‘‘वे सात-आठ लोग थे. उन्होंने हमारे हाथ-पैर बांध दिये और हमें पीटा. वे हमें तब भी पीटते रहे जब हमने पानी मांगा या थोड़े भी हिले डुले.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस नियंत्रण कक्ष के नंबर 100 पर फोन करने पर भी कोई मदद नहीं मिली.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को तीन आरोपियों नरेश (25), बबलू (22) और रईस (28) को गिरफ्तार किया जबकि दर्जनों अन्य को हिरासत में लिया. विपक्ष की आलोचनाओं का सामना कर रही राज्य सरकार ने जिला एसएसपी वैभव कृष्ण सहित पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया था.
उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने नाबालिग पीड़िता की चिकित्सकीय जांच के दौरान उससे कथित रूप से दुर्व्यवहार करने पर एक डॉक्टर को तलब किया और प्राथमिकी में पाक्सो कानून की धाराओं को शामिल नहीं करने पर पुलिस की भी निंदा की.