वो भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का कट्टर आलोचक है। अपने बयानों में वो प्रसिद्ध शायर और 1920 के दशक में पाकिस्तान आन्दोलन के प्रणेताओं में से एक अल्लामा इक़बाल के शेरों का ज़िक्र अक्सर करता है।
इसको पाकिस्तान में हर किसी चीज़ पर “पाकिस्तान के ख़िलाफ” और “इस्लाम से ख़िलाफ षड्यंत्र” की आवाज उछालने के कारण आलोचना झेलनी पड़ी है। इसके अलावां जुलाई 2015 में ज़ैद हामिद को सउदी अरब ने वहाँ की सरकार की आलोचना के कारण 8 साल कारवास और 1100 कोड़ो की सज़ा भी सुनाई थी।