
शहीद का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह सैन्य अस्पताल से पुरोहितवाला स्थित घर लाया गया। तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को पहुंचते ही घर में कोहराम मच गया। पत्नी रितु क्षेत्री, मां मीना क्षेत्री, पिता चंद्रमोहन क्षेत्री और दोनों बच्चें कार्तिक और गौरव फूट फूट कर रोने लगे। किसी तरह रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने उन्हें शांत करवाया।
मुख्यमंत्री हरीश रावत, विधायक गणेश जोशी,जिलाधिकारी रविनाथ रमन सहित सेना और पुलिस के कई अफसर भी शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उन्होंने शहीद को सलामी देते हुए श्रद्ध कुछ देर शहीद के अंतिम दर्शनों के बाद सैन्य सम्मान से पार्थिव शरीर को श्मशान घाट ले जाया गया।
जहां सेना की एक टुकड़ी ने उन्हें सलामी दी। बड़े बेटे कार्तिक और चाचा मुक्ता बहादुर क्षेत्री ने शहीद शिव शंकर के पार्थिव शरीर को मुखाग्नी दी। शिव शंकर 30 अगस्त को गश्त के दौरान कुपवाड़ा में पहाड़ी से गिरकर घायल हो गए थे। गुरुवार को उनकी मौत हो गई। शुक्रवार को उनका शव देर शाम दून पहुंचा था।