शहाबद्दीन एक ऐसा नाम है जिसे बिहार में हर कोई जानता है.शहाबद्दीन ने कॉलेज से ही अपराध और राजनीति की दुनिया में कदम रखा था. किसी फिल्मी किरदार से दिखने वाले शहाबद्दीन की कहानी भी फिल्मी सी लगती है. उन्होंने कुछ ही वर्षों में अपराध और राजनीति में काफी नाम कमाया.2000 के दशक तक सीवान जिले में शहाबद्दीन एक समानांतर सरकार चला रहे थे. उनकी एक अपनी अदालत थी. जहां लोगों के फैसले हुआ करते थे. शहाबद्दीन के अपराध की कहानी 15 मार्च 2001 को लालू की पार्टी के एक नेता को गिरफ्तार करने आए पुलिस ऑफिसर संजीव कुमार को थप्पड़ मारने से शुरू हुई थी. इस घटना के बाद शहाबद्दीन के समर्थकों और पुलिस के बीच काफी लंबी झड़प हुई. थप्पड़ मारने वाले शहाबद्दीन के घर पुलिस ने छापेमारी की. इस दौरान शहाबद्दीन के समर्थकों और पुलिस के बीच गई घंटों तक गोलीबारी हुई. इस घटना में 10 लोग मारे गए और पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा. तभी से उन्हें एक बाहुबली के रूप में पहचाना जाने लगा. शहाबद्दीन दो भाइयों की तेजाब से नहलाकर हत्या करने और बाद में हत्याकांड के इकलौते गवाह उनके तीसरे भाई राजीव रशन की हत्या के मामले में भागलपुर जेल में बंद थे. दोहरे हत्याकांड में उन्हें हाई कोर्ट से फरवरी में ही जमानत मिल चुकी थी. बुधवार को गवाह की हत्या के मामले में भी अदालत ने उनकी जमानत मंजूर कर ली. इसके बाद उनकी रिहाई हुई. शहाबद्दीन ने लालू प्रसाद यादव को अपना नेता बताया. उन्होंने कहा, 'लालू यदव ही हमारे नेता हैं. मुझे उनकी ही छत्रछाया में रहना है. मैं अपनी छवि क्यों बदलूं? मैं जैसा हूं, 26 साल तक लोगों ने मुझे इसी रूप में स्वीकार किया है. लालू असली नेता और नीतीश परिस्थितियों के कारण सीएम हैं -- #शहाबुद्दीन
जेल से निकलते ही लगाया छक्का !! जेडीयू की बोलती बंद !!
नीतीश और जेडीयू नेताओं को अब लालू जी की टीम रोज थूक चटायेगी। 25 वर्षों की कमाई इज्जत हर दिन अब सरेआम बीच चौराहे नीलाम होगी !!
एन्जॉय_नीतीश_कुमार !!
जस करनी तस भोग ही ताता !!
बीजेपी ने नीतीश जी को अपना निर्विवाद सरताज मान कर 10 वर्ष सीएम बना कर जो इज्जत दी थी, आज उसी इज्जत को लात मारने की सजा भोगने का समय आ गया है।
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बीजेपी ने नीतीश जी को अपना निर्विवाद सरताज मान कर 10 वर्ष सीएम बना कर जो इज्जत दी थी, आज उसी इज्जत को लात मारने की सजा भोगने का समय आ गया है।
