यह पेड़ पाकिस्तान में खैबर दर्रे के पास लंदी कोतल कैंटोनमेंट एरिया में
स्थित है. आपके मन में ये जानने की उत्सुकता हो रही होगी कि इस पेड़ को
आखिर क्यों बांधकर रखा गया या यूँ कहिये कि गिरफ्तार किया गया था ? इस पेड़
ने आखिर ऐसा किया क्या था ?
कहानी बड़ी रोचक है. यह पेड़ दरअसल एक अंग्रेज अफसर के कहने पर गिरफ्तार
किया गया था. हुआ यूँ कि एक दिन जेम्स स्क्विड नामक एक अंग्रेज अफसर शराब
के नशे में धुत होकर इस पेड़ के पास से गुजर रहा था. जब उसने पेड़ की ओर देखा
तो उसे ऐसा लगा कि पेड़ उसे डराने की कोशिश कर रहा है, उसकी ओर झुक रहा है.
सार्जेंट बेचारा क्या करता, उसने फ़ौरन हुक्म की तामील की और पेड़ को
जंजीरों से जकड कर जमीन से बाँध दिया गया. पेड़ पर एक तख्ती भी लगाईं गई जिस
पर लिखा गया – “I am under arrest.”
तब से यह पेड़ उसी तरह से आज भी जंजीरों में जकड़ा हुआ हिरासत में चल रहा
है. आजादी मिलने के बाद हालांकि कुछ लोग अब बरगद के इस पेड़ को जंजीरों में
जकड़ा रहना गलत मानते हैं तो वहीं कुछ लोग इसे अंग्रेजों के अन्यायपूर्ण
शासन को दर्शाने वाले प्रतीक के रूप में ऐसे ही बने रहने देना सही मानते
हैं.