जिले की एक तहसील ऐसी जहां महिलाओं के हाथ में हैं विकास की बागडोर

Image may contain: 3 people , people smiling , sunglasses and close-up    दमोह।। यों तो शासन ने महिला सशक्तिकरण पर लाखों खर्च कर दिए और महिलाओं को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया। महिला अपराधों पर रोक लगाने, समाज के विकास में उनकी भूमिका सुनिश्चित करने अनेक योजनाओं को लागू किया गया। जिले में महिला सशक्तिकरण की मिशाल देखने मिली जिले की पथरिया तहसील में। यहां आम जनता ने विकास की बागडोर महिलाओं को सौंप रखी है। जनपद अध्यक्ष, नगर परिषद अध्यक्ष, सहित पथरिया जनपद की लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा सीटों पर महिलाओं का कब्जा है। नगर परिषद के 15 वार्डों में से 8 पर महिलाएं वार्ड मेम्बर बन कर अपने वार्ड की समस्याओं को सुलझा रही हैं। वहीं जिला पंचायत सदस्य के रूप में तहसील से दो महिला सदस्य आम जनता का प्रतिनिधित्व करती हैं जिनमें से एक श्रीमती रामबाई ठाकुर वर्तमान में जिला पंचायत उपाध्यक्ष भी हैं।
विकास के साथ महिलाओं का हाथ
     पथरिया में नगर विकास की बात की जाए तो सीसी रोड से लेकर शौचालय निर्माण, पानी की व्यवस्था, साफ सफाई से आज नगर का नागरिक खुश है। आम जनता का मनना है कि नगर परिषद में महिला अध्यक्ष होने के कारण उन्हें आम जनता की परेशानियों का ज्ञान है। वार्ड नम्बर 14 में रहने वाली मालती बाई ने बताया कि जब से श्रीमती कृष्णा सिंह अध्यक्ष बनी है वार्ड की नालियां कभी चोक नहीं होती, भीषण जल संकट के दौर में भी मोहल्ले मोहल्ले पानी की व्यवस्था अध्यक्ष ने करवाई। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विमला ठाकुर ने बताया कि महिला अध्यक्ष होने के कारण हम महिलायें अपनी समस्या निःसंकोच अध्यक्ष से बता सकते हैं और वे उन समस्याओं को गंभीरता से सुनकर उनका समाधान भी करती हैं। शमशान घाट के निर्माण के साथ ही पार्क का निर्माण किया गया। इसके साथ ही पथरिया नगर परिषद प्रदेश की पहली फ्री वाई फाई युक्त परिषद है। श्रीमती कृष्णा सिंह ने बताया कि उनको जनता की सेवा की भावना विरासत में मिली है। उनके परिवार में शुरू से ही राजनीतिक वातावरण रहा है। अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें कोई विशेष परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। हां महिला होने के नाते पारिवारिक दायित्वों के निवार्हन के साथ ही वे आम जनता की भलाई के लिए लगातार प्रयासरत रहती हैं।
     वहीं दूसरी ओर जनपद अध्यक्ष श्रीमती रंजीता पटैल ने अध्यक्ष बनते ही महिला सरपंचों को किसी भी कार्य के लिए सीधे अध्यक्ष कक्ष में बुलाने की परम्परा डाली। महिला सरपंच श्रीमती गोमती बाई बताती हैं कि यदि पुरूष अध्यक्ष होता तो अपनी बात रखने में परेशानी होती। परंतु वर्तमान में महिला अध्यक्ष होेने के कारण वे अपने ग्राम पंचायत में ज्यादा अच्छे से विकास कार्य करवा सकती हैं। महिला होने के नाते महिला अध्यक्ष से ग्राम पंचायत में आने वाली समस्याओं और अधिकारियों कर्मचारियों की समस्यओं का समाधान अब आमने सामने बैठकर होता है। पथरिया जनपद में वर्तमान में 50 प्रतिशत से अधिक महिलायें सरपंच का दायित्व संभाल रही हैं। ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण से लेकर पंचायत के विकास कार्यों पर महिला अध्यक्ष स्वयं सतत निगरानी रखती हैं। श्रीमती रंजीता पटैल ने बताया कि बच्चों के साथ साथ परिवारिक दायित्वों का निर्वाहन भी करना पड़ता है। इसके साथ ही जनप्रतिनिधि होने के नाते मुझे उन कर्तव्यों का भी पालन करना पड़ता है जो मुझे अध्यक्ष बनाने के बाद मुझे सौंपे गए हैं। ज्यादातर महिला सरपंच शोषण व हिंसा का शिकार होती हैं उन्हें अपने अधिकारों का ज्ञान नहीं होता और यही कारण है कि दूसरे उनका फायदा उठाते हैं। मैने महिला सरंपचों को उनके अधिकारों के बारे में बताया और उन्हें जागरूक करने की कोशिश की है।
नगर की सुरक्षा महिला के हाथ
     जहां एक ओर पथरिया जनपद में महिलाएं विकास की ब्यार बहा रही हैं तो वहीं दूसरी ओर तहसील थाना प्रभारी की रूप में रीता सिंह के नाम का खौफ अपराधियों में व्याप्त है। महिलाएं अब स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रही हैं। स्कूली छात्राएं अब निश्चिंत होकर स्कूल जाती हैं। 12 वीं क्लास में पढ़ने वाली रेखा ने बताया कि जब से रीता मेडम पथरिया में पदस्थ हुई तब से ही असमाजिक तत्वों में खौफ व्याप्त हैं। दूसरी ओर थाना प्रभरी रीता सिंह ने नगर में चल रहे अवैध दारू व्यापार पर अंकुश लगाया है। थाना प्रभारी रीता सिंह ने महिला अपराधों को गंभीरता से लिया है और उन पर तत्काल ही कार्यवाही की है। रीता सिंह बताती हैं कि पुलिस कार्य में राजनीतिक हस्ताक्षेप आम बात हो गई है परंतु पथरिया में राजनीतिक पदों पर महिलाओं के होने के कारण उन्हें कार्य करने में असानी होती है तथा वे बिना किसी राजनीतिक हस्ताक्षेप के अपराधों पर अंकुश लगा पाती हैं।

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