विडियो में हकीकत देख कट्टरपंथी मुस्लिम हो जायेगे शर्मिंदा
एक वीडियो इन दिनों में सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। यह वीडियो अबुधाबी का है। इस वीडियो में अबुधाबी के राजकुमार मोहम्मद बिन जायद अल नहयान नजर आ रहे है। बताया जा रहा है कि मौका मोरारी बापू के एक प्रवचन कार्यक्रम का है जो अबुधाबी में हो रहा है। दिलचस्प बात ये है कि इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले मोहम्मद बिन जायद अल नहयान को जब मंच पर बुलाया जाता है तो वह ऊनी बात 'जय सियाराम' कह के शुरू करते है और समाप्त भी उसी अंदाज में करते है।
एक वीडियो इन दिनों में सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। यह वीडियो अबुधाबी का है। इस वीडियो में अबुधाबी के राजकुमार मोहम्मद बिन जायद अल नहयान नजर आ रहे है। बताया जा रहा है कि मौका मोरारी बापू के एक प्रवचन कार्यक्रम का है जो अबुधाबी में हो रहा है। दिलचस्प बात ये है कि इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले मोहम्मद बिन जायद अल नहयान को जब मंच पर बुलाया जाता है तो वह ऊनी बात 'जय सियाराम' कह के शुरू करते है और समाप्त भी उसी अंदाज में करते है।
इससे
सवाल यह उठता है कि जो यहाँ इस्लाम के नाम पर पता नहीं कैसी कैसी दलील
करते रहते है। इसमें ओवैसी जैसे भी नेता है और खुद को इस्लाम का रहनुमा
बताने वाले मौलवी भी है। अगर इनकी बातो को माना जाये तो अबुधाबी के
राजकुमार गैर इस्लामिक हो गए। आश्चर्य की बात है कि उनको किसीने फतवा जारी
नहीं किया। कार्यक्रम में प्रिंस के अलावा कई शेख भी उपस्थित थे और किसी को
इससे कोई आपत्ति नहीं हुई।
हमारे
देश में वंदे मातरम् कहने वाले को गैर इस्लामिक करार दिया जाता है। हमारे
देश में ओवैसी कहता है कि उनके गले पर कोई चाकू भी रख दे तब भी भारत माता
की जय नहीं बोलेंगे। ये सत्य है कि किसी के द्वारा वंदे मातरम् या भारत
माता की जय बोलने या न बोलने से इस बात का फैसला नहीं हो जाता कि वह
देशभक्त है या नहीं।
लेकिन
सवाल यह उठता है कि, ऐसी नौबत क्यों आई? इसे कुछ लोग गैर इस्लामिक क्यों
बताते है? क्या हमें कभी ओवैसी के मुंह से भारत माता की जय सुन पाएंगे?
शायद नहीं क्योंकि राजनीति इसकी इसकी इजाजत नहीं देती।