फतेहपुर।। 500 और 1000 रूपये के नोट बन्द होने के 36 दिन बीत जाने के बाद भी बैको और एटीएम के बाहर लोगो की भीड कम होने का नाम नही ले रही है। सबसे अधिक परेशान ग्रामीण क्षेत्रो में अधिक आ रही है। कैश न मिलने और कम मिलने से ग्रामीण काफी परेशान है। किसान हो चाहे आम आदमी हर कोई बैंक की कतार लगने के लिये मजबूर है। बैकेा की व्यवस्थाओं के चलते 36 दिन बीत जाने के बाद भी लोग पैसा बैक से निकालने के लिये पूरा-पूरा दिन लाइन में खडे होकर गुजार रहे है। तमाम लोग बिना पैसा पाये ही घर को वापस लौट जाते है। क्योकि बैको में प्रर्याप्त कैश न होने के चलते लोगो को कैश नही मिल पाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवम्बर को रात्रि आठ बजे नोट बन्दी का ऐलान किया था और देश की जनता से 50 दिनो के अन्दर व्यवस्थाओ को दुरूस्त कर राहत दिये जाने का वादा किया था। लेकिन बैको में लगने वाली भीड को देखते हुये सुधार नही आया। प्रधानमत्री के दिये समय के अनुसार मात्र 14 दिन शेष बचे है। लेकिन जिस तरह से बैकेा में लगने वाली भीड कम होने का नाम नही ले रही है। इससे इस बात का अन्दाजा लगाया जा सकता है कि 50 दिनो में सरकार आम जनता को राहत नही दे सकती क्योकि जिस तरह से बैक कर्मियो की मिली भगत से आम जनता के बीच आने वाला पैसा काला धन को सफेद करने वाले लोगो के बीच पहुचाया गया है। इससे हालात में सुधार जल्द मिलने वाला नही है। नोट बन्दी की वजह से लोगो की जिन्दगी ठहर सी गयी है। जरूरत के मुताबिक लोगो को पैसा बैको से नही मिल पा रहा है। दो हजार रूपये के खातिर सुबह से लेकर शाम तक बैक और एटीएम में लाइन लगाये रहते है। अपने सारी जरूरत के कार्य को नही कर पा रहे है। किसान भी पैसे के बिना अपनी फसल की उपज नही कर पा रहा ऐसे स्थिति में प्रशासन को बैक कर्मियो पर लगाम कसनी होगी तभी शायद आम जनता को राहत मिलने के साथ बैक की हालात पर सुधार आ सकेगा।
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