कांग्रेस द्वारा भारत पर थोपे गए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने फिर एक बार बता दिया है की वो मुसलमान पहले है और भारतीय कदाचित है ही नहीं पिछली साल की तरह इस साल भी हामिद अंसारी ने परेड को सलामी नहीं दी। पिछले साल भी हामिद अंसारी ने इसी कारनामे को अंजाम दिया था, जिसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी देखें ये पिछले साल की तस्वीर।
हामिद अंसारी का खुला ऐलान है की, कोई कुछ भी कहे वो नहीं सुधरने वाले, आपको बता दें की हामिद अंसारी ने "वंदे मातरम" कहने से, दशहरा पर रामायण के किरदारों को "तिलक" लगाने से, "पूजा की थाली" पकड़ने से इंकार कर दिया था।
हमारे देश को सेक्युलर बताया जाता है, पर इसी सेक्युलर देश में उपराष्ट्रपति ऐसे लोग बन जाते है। जो की शर्मनाक है, इन लोगों के लिए मजहब पहले है देश नहीं।
हामिद अंसारी का खुला ऐलान है की, कोई कुछ भी कहे वो नहीं सुधरने वाले, आपको बता दें की हामिद अंसारी ने "वंदे मातरम" कहने से, दशहरा पर रामायण के किरदारों को "तिलक" लगाने से, "पूजा की थाली" पकड़ने से इंकार कर दिया था।
हमारे देश को सेक्युलर बताया जाता है, पर इसी सेक्युलर देश में उपराष्ट्रपति ऐसे लोग बन जाते है। जो की शर्मनाक है, इन लोगों के लिए मजहब पहले है देश नहीं।