इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा 1 जनवरी 2011 के बाद जो भी सार्वजनिक संपत्ति पर हुए किसी भी तरह का निर्माण अतिक्रमण माना जायेगा।
कोर्ट ने ये भी साफ किया सार्वजनिक स्थान कैसे गली सड़क पर जो भी धर्मिल स्थल का निर्माण हुआ है उसे तत्काल हटाया जाए।
न्यायालय ने ये भी कहा कृषि भूमि को वक़्फ़ सम्पति नही नही बनाई जा सकती कियु की कृषि भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार को होता है।
किसान उस जमीन का मात्र किरायेदार होता है इस लिए धारा 143 के तहत अकृषित भूमि की घोषणा नही हो जाती उस पर वक़्फ़ या धर्मिक स्थल का निर्माण नही किया जा सकता।
न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और अजित कुमार ने राजमार्गों, सडको,गलियों, और रास्तो के यातायात में अवरोध उत्पन्न कर रहे धार्मिक स्थलों सहित कोई भी निर्माण हो उसे अतिक्रमण माना जायेगा।
कोर्ट ने 6 महीने के भीतर आदेश का पालन करने के निर्देश दिए है।
साथ ही कोर्ट ने येभी कहा 10 जून 2016 के बाद के अतिक्रमण कर धार्मिक स्थल का निर्माण की जवाबदेही डीएम, एसडीएम, एसएसपी, सीओ की होगी।
कोर्ट ने ये भी साफ किया सार्वजनिक स्थान कैसे गली सड़क पर जो भी धर्मिल स्थल का निर्माण हुआ है उसे तत्काल हटाया जाए।
न्यायालय ने ये भी कहा कृषि भूमि को वक़्फ़ सम्पति नही नही बनाई जा सकती कियु की कृषि भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार को होता है।
किसान उस जमीन का मात्र किरायेदार होता है इस लिए धारा 143 के तहत अकृषित भूमि की घोषणा नही हो जाती उस पर वक़्फ़ या धर्मिक स्थल का निर्माण नही किया जा सकता।
न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और अजित कुमार ने राजमार्गों, सडको,गलियों, और रास्तो के यातायात में अवरोध उत्पन्न कर रहे धार्मिक स्थलों सहित कोई भी निर्माण हो उसे अतिक्रमण माना जायेगा।
कोर्ट ने 6 महीने के भीतर आदेश का पालन करने के निर्देश दिए है।
साथ ही कोर्ट ने येभी कहा 10 जून 2016 के बाद के अतिक्रमण कर धार्मिक स्थल का निर्माण की जवाबदेही डीएम, एसडीएम, एसएसपी, सीओ की होगी।