
प्रतिष्ठित कलकत्ता मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुऐट शंकर गोवड़ा का अपना कोई क्लिनिक भी नहीं, एक मित्र की दूकान के बगल में थोड़ी सी जगह में बैठे मिलते हैं डॉ. साहब!
सबसे बड़ी बात यह है कि यह जो दवायें लिखते हैं वो सस्ती और असरकारक होती हैं।
आज के दौर में जहाँ डॉक्टर्स के नाम से ही सैंकड़ों हज़ारों रुपयो के खर्च का ख्याल आता हो, एक मसीहा बेलौस ग़रीबों के लिये काम कर रहा है। इनकी इस ख़िदमत और जज़्बे को सलाम। मरीज़ों की लम्बी लाइन आप देख सकते हैं।