
बता दें कि उत्तर प्रदेश से एक राज्यसभा सांसद के लिए औसतन 37 वोटों की जरूरत होती है, ऐसे में बसपा ने उम्मीद लगा रखी थी कि वो सपा, कांग्रेस और RLD की मदद से अपना एक सांसद राज्यसभा भेज सकेगी. लेकिन अब भाजपा की तरफ से खेले गये इस मास्टर प्लान से मायावती के सपनों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
दरअसल अगर वोटों के खेल पर नजर डालें तो पता चलता है कि सपा के पास 47 वोट हैं, जिसमें 37 वोट वो जया बच्चन के लिए इस्तेमाल करेगी, अब उसके बाद रह गये 10 वोट. अब मायावती को उम्मीद थी कि सपा के 10 और खुद 19, कांग्रेस के 7 और RLD के 1 वोट की मदद से वो खुद या उनकी पार्टी द्वारा घोषित एक कैंडिडेट को राज्यसभा भेज सकेंगी लेकिन अब नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल के भाजपा में जाने से वोटों की संख्या 37 की जगह 36 ही रह जाएगी. ऐसे में मायावती की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
गौर करने वाली बात है कि मायावती या उनका कोई एक सांसद राज्यसभा सिर्फ एक वोट की वजह से नहीं जा पायेगा, विरोधियों को याद करना चाहिए कि एक बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार भी एक वोट की वजह से ही गिर गयी थी और उस वक्त मायावती ने अटल जी की सरकार के खिलाफ अंतिम समय में वोट कर दिया था. तब उस वक्त विरोधी खेमें में भाजपा का खूब मजाक उड़ाया गया था लेकिन वो दिन और आज का दिन है, आज का दिन बड़ी सोचने वाली बात है।