मैं अपनी आंख माँ अंबे को दूंगी, और फिर लड़की ने निकाल ली खुद अपनी आंख !
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मैं अपनी आंख माँ अंबे को दूंगी, और फिर लड़की ने निकाल ली खुद अपनी आंख !

Image result for darbhanga a girl hurt her own eyes for maa ambe     दरभंगा।। जी हां ये अजीबोगरीब वाकया आज दरभंगा जिले के बहेड़ी थाना क्षेत्र के सिरुआ गाँव में घटी है, जहां नवरात्रा के कलश यात्रा के दौरान गाँव के ही अरुण सिंह की पुत्री कोमल सिंह कलश यात्रा में भाग लेने गई थी। कलश यात्रा के दौरान ही उसने मंदिर परिसर में लोगों से मां अंबे की पट खुलने से पहले पूछा की क्या माता को नेत्र लग गए है? भीड़ में से किसी ने कहा कि अभी नेत्र नहीं लगे है। इसी दरम्यान उसने कहा कि मैं अपनी आंख माँ अंबे को दूंगी। जब तक भीड़ कुछ समझ पाती तब तक उसने खुद ही अपनी आंख निकाल ली। हालांकि आंख निकल कर बाहर लटक गयी। इसी दौरान पूजा स्थल पर अफरातफरी का माहौल पसर गया। किसी तरह भीड़ ने उसे अपने कब्जे में लिया। 
    आनन - फानन में उसे डीएमसीएच में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज चल रहां है। पूरे गाँव का माहौल गमगीन हो चुका है। यह खबर पूरे इलाके में जंगल की आग के तरह फैल गयी। पूरे गाँव सहित इलाके में यह खबर चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बाबत पूछे जाने पर ग्रामीणों ने बताया कि लड़की की मानसिक स्थिति भी स्वस्थ थी। वो एक अच्छी लड़की थी। यह हैरतअंगेज घटना किसी फिल्मी कहानी से कम नजर नहीं आ रही है। 
     यह घटना अब अभिभावकों को यह सोचने पर मजबूर करती है कि काल्पनिक घटनाओ को बच्चे हकीकत मानकर अपनी रियल लाइफ में कॉपी करना चाहते हैं जिसका ज्वंलत उदाहरण आज सब के सामने हैं। जब से गाँव में केबल कनेक्शन, इंटरनेट और सोशल मीडिया- फेसबुक, व्हाट्सएप, यूट्यूब और इंस्टाग्राम आदि ने क्रांति फैलायी है तो एक तरफ समाज का सशक्तिकरण तो दूसरी ओर विघटन भी नजर आ रहा है। जिसका दुष्परिणाम खतरनाक रूप ले रहा है। इसीलिये अब अभिभावकों को यह परखना होगा कि बच्चे टीवी पर क्या देख रहे हैं? सोशल मीडिया पर क्या कर रहे हैं? इससे उनके मानसिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ रहा है? बच्चों के हर गतिविधि पर ध्यान रखना होगा नहीं तो ऐसे ही हैरतअंगेज कारनामे कल फिर किसी दूसरे घर के चौखट पर दस्तक दे सकते है।
 
 
(चंदन ठाकुर)

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