मंदिर का प्रधान बनने को लेकर हुआ जमकर विवाद, एक पक्ष मंदिर के सामने धरने पर बैठा
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मंदिर का प्रधान बनने को लेकर हुआ जमकर विवाद, एक पक्ष मंदिर के सामने धरने पर बैठा

     फरीदाबाद।। नवरात्रे शुरू होने से पहले फरीदाबाद में सिद्वपीठ काली मंदिर पर प्रधानी को लेकर एक विशेष समाज के लोगों में मंदिर के सामने जमकर विवाद हुआ, विवाद के लिये पहुंचे सैंकडों लोगों की भीड को देखते हुए पुलिस भी मौकेे पर पहुंची और दोनों पक्षों को आपस में बैठकर मामला सुलझाने की अपील की लेकिन एक पक्ष ने मंदिर के सामने ही बैठकर धरना शुरू कर दिया, पक्ष का आरोप है कि मौजूदा मंदिर का प्रधान पिछले 8 सालों से मंदिर की सीट पर बैठा है जिसका चढावा गबन करके उसने प्रोपर्टी भी खरीद ली है तो वहीं मौजूदा प्रधान का कहना है कि उनका समाजिक पक्ष मंदिर पर आने वाले चढावे को लेकर प्रधान बनना चाहता है। पुलिस को इस मामले में अपना हस्तक्षेप करते हुए मामला सुलझाना होगा अन्यथा नारनौल में हुई मंदिर की सीट पर पत्थरबाजी फरीदाबाद में देखने को मिल सकती है। मंदिर में आने वाले मोटे चढावे के लिये हर कोई मंदिर का प्रधान बनना चाहता है और मौका नवरात्रों का हो तो फिर क्या बात है,, ऐसा ही दृश्य आज फरीदाबाद के सिद्वपीठ काली मंदिर पर देखा गया जहां मंदिर के सामने एक विशेष समाज के लोग हंगामा करते हुए नजर आये। ये हंगामा काली मंदिर का प्रधान बनने को लेकर था, जिसके मौजूदा प्रधान के खिलाफ सैंकडों लोग एकत्रित हुए और प्रधान बनने की बात कहने लगे। भारी संख्यां में लोगों को इकट्टा देख पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत करवाया, वहीं पुलिस ने लोगों को कहा कि दोनों पक्ष बैठकर मामला सुलझा लेें।
      इस बारे में विरोध कर रहे पक्ष के लोगों ने कहा कि काली मंदिर का मौजूदा प्रधान राकेश को 3 साल के लिये प्रधान बनाया था मगर पिछले 8 साल से वह प्रधानी की सीट पर बैठा हुआ है जो कि एक अपराधी भी है क्योंकि प्रधान बनने से पहले वही जेल भी जा चुका है, इतना ही नहीं मौजूदा प्रधान ने मंदिर के मोटे चढावे से करोडों रूपये का गबन करके यूपी में एक प्लॉट भी लिया है। मंदिर समाज का है समाज चाहता है कि अब दूसरा प्रधान बने, अगर ऐसा नहीं हुआ तो वही मंदिर के सामने धरने पर बैंठेगे और मंदिर में किसी भी प्रकार का कार्य नहीं होने देंगे। वहीं मौजूदा प्रधान और मंदिर के कमेटी के अन्य सदस्यों की माने तो दूसरा पक्ष असमाजिक तत्व है जो कि उनपर पहले भी हमला कर चुका है, उनकी कमेटी कानून के अनुसार बनी हुई है, और सर्वसम्मिति से प्रधान बनाया हुआ है, लेकिन दूसरा पक्ष मंदिर के मोटे चढावे के लिये प्रधान बनना चाहता है क्योंकि कुछ ही दिनों नवरात्रे आने वाले हैं जिनमें चढावा अच्छा आता है। जबकि वह ऐसा नहीं होने देंगे।
    मंदिर पर आने वाले चढावे के लालच में हो रहे विवाद से आने वाले नवरात्रों में भक्तों को समस्या का सामना करना पड सकता है, इतना ही नहीं अगर पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए मामले का जल्द निपटान नहीं किया तो डर है कि कहीं नारनौल में मंदिर की सीट पर हुई पत्थरबाजी जैसी घटना फरीदाबाद में देखने मिल जाये।


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