मुंबई।। दिल की
सेहत के लिए की जाने वाली कसरतें हमारे दिमाग के लिए भी लाभकारी हैं। एक
अध्ययन के मुताबिक स्वस्थ दिल के लिए किया जाने वाला व्यायाम उम्र बढ़ने के
साथ होने वाली संज्ञानात्मक हानि से हमें बचाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि
स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली धमनियों को लचीला बनाए रखने में मदद करती है,
जिसके परिणामस्वरूप बाद के जीवन में संज्ञानात्मक क्षमताएं संरक्षित रहती
हैं। हमारे शरीर की धमनियां उम्र के साथ सख्त हो जाती हैं और दिमाग तक रक्त
पहुंचाने से पहले दिल तक जाने वाली महाधमनी तक रक्त पहुंचाने वाली नलिका
कठोर होने लगती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि वास्तव में कठोरीकरण का संबंध
संज्ञानात्मक बदलावों से हो सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन वयस्कों
की महाधमनियां अच्छी स्थिति में थीं और जो शारीरिक रूप से स्वस्थ थे,
उन्होंने संज्ञानात्मक परीक्षण में अच्छा प्रदर्शन किया। अध्ययन के लिए
शोधकर्ताओं ने 18-30 साल के आयुवर्ग के 31 युवाओं और 55-75 साल की आयुवर्ग
के 54 प्रतिभागियों के साथ काम किया। परिणाम दर्शाते हैं कि कार्यक्षम
प्रक्रिया, महाधमनी के लचीलेपन और काॢडयोरैसपाइरेटरी फिटनेस ने उम्र बढ़ने
संबंधी समस्याएं कम करती है और एरोबिक फिटनेस और मस्तिष्कीय प्रक्रिया के
बीच एक सकारात्मक संबंध है।