गबन करते समय सब मिलकर खा गए लेकिन अब "इतने ले लो उतने ले लो"
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गबन करते समय सब मिलकर खा गए लेकिन अब "इतने ले लो उतने ले लो"

  सरपंच ओर सचिवों ने किया लाखों का खेल, कार्रवाई करने वाले हो गए फेल
   बांसवाड़ा/राजस्थान।। मीडिया जब ईमानदारी से अपना काम करता है, तो फरियादियों के लिए इंसाफ मिलना लाज़मी हो जाता है, लेकिन वही राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की कुशलगढ़ पंचायत समिति के भ्रष्टाचारी सरकारी कारिंदों ओर सरपंचो की बेशर्मी इस कदर कदर हावी है की फरियादियों द्वारा अपने ही मज़दूरी के पैसों के लिए ना केवल अब दर-दर की ठोकरे खाने को वह मज़बूर है, बल्कि बेशर्म हो चुके पंचायत समिति के अधिकारी ओर कर्मचारी सरकारी धन का गबन करने के बाद भी इतने लेलो उतने लेलो करके फरियादियों को गुमराह करने से अब भी बाज़ नहीं आ रहे है। 
  वही फरियादियों का कहना है कि हमें ब्याज तो नहीं चाहिए, लेकिन भगवान के वास्ते हमारा मूल तो दे दो। जी हां कुशलगढ़ पंचायत समिति के ग्राम पंचायत रूपगढ़ में मजदूरों की मज़दूरी पर सरकारी नुमाइंदों द्वारा सरपंचो से मिलीभगत कर गबन का ऐसा खेल खेला गया कि आज वह मुक़दमेबाज़ी के बाद से बदनामी ओर पुलिस के डर से मुँह छुपाते घूम रहे है। वही पीड़ित आज भी न्याय की आस में क्षेत्र के बड़ी सरवा में लगे एक सरकारी केम्प में जा पहुंचे लेकिन वहा नज़ारा कुछ ओर ही था, मौके पर जनता की भीड़ तो काफी दिखी लेकिन शिविर के आलाधिकारीयो ने केम्प में आने की जहमत भी ना समझी, खेर जनता उनकी शिकायत करें भी तो किसे क्योंकि यहाँ सरकार में बैठा हर अफसर मौके पर चौका मारने को जो आतुर है।  
  
  वही अपने साथ हुए धोखे से पीड़ित लोग इस आर्थिक अत्याचार को अब ओर नहीं सहने के विरोध में धरने पर बैठेने का मानस बना चुके है। पीड़ितों का कहना है कि सात महीने पहले पुलिस के केस दर्ज करने के बाद भी अभी तक कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं की गई है। राजस्थान में जहा भ्रष्टाचारी कांग्रेस का जनता ने सफाया कर बीजेपी को सत्ता सौप दी है, वही अब फरियादियों को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओर राजस्थान सरकार के नवनिर्वाचित मुखिया भजनलाल शर्मा से न्याय की आस है। राजस्थान को प्रगति के पद पर ले जाने, वंचितों के लिए सामाजिक सुरक्षा की बात कर पूरे भारतवर्ष में विकसित भारत यात्रा निकाल कर लोगों को मोदी की गारंटी योजना से लाभान्वित करने वाली बीजेपी सरकार से कांग्रेसियों की भ्रष्टाचारी सरकार में हुए गबन के विरुद्ध न्याय की पीड़ित अब आस लगाए बैठे है। वही ग्राम पंचायत रूपगढ़ में मजदूरों के साथ हुए अत्याचार को लेकर सरकार तथा प्रशासन अभी तक कुंभ करनी नींद में सोया है।   
  
  आपको बता दें कि पूर्व में रूपगढ़ पंचायत में हुए लाखों के खेल को जब हमने बेनकाब कर समाचार प्रकाशित किया था जिसको देखते हुए, आरोपियों के होश फाख्ता हो गए थे, लेकिन चुकी बांसवाड़ा में अभी भी भ्रष्टाचार  को लेकर कांग्रेसी नेताओं की वही मानसिकता व्याप्त है, कहे तो ढाक के तीन पात वाली कहावत आज भी यहां चरितार्थ होती नजर आ रही है। वही आज क्षेत्र में सरकारी केम्प की खानापूर्ति वाली नौटंकी भी खूब देखने को मिली है। 
  मौके पर एक पीड़ित फरियादी प्रभुलाल ने बताया कि उसके सहित कई लोग लम्बे अरसे से न्याय नहीं मिल पाया है। इसे लेकर जब वह अपनी फरियाद लेकर सुबह बस्सी कैंप में पहुंचे तो देखा कि मौके पर उच्च स्तर का एक भी अधिकारी मौजूद नहीं था। वहीं  खानापूर्ति वाले इस नौटंकी भरे केम्प को देख वह कुशलगढ़ बीडियो साहब के पास पहुंचे मगर वहा भी उसे टका सा जवाब ही मिला की साहब तो केम्प में गए है लेकिन कौनसे केम्प वह तो भगवान ही जाने। यही हाल उपखंड अधिकारी कार्यालय में भी देखने को मिला। 
सरकारी अधिकारीयों की मौन सहमति किसी बड़े स्केंडल और षड्यंत्र की ओर कर रही है इशारा
   देश के चार अहम राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों में कांग्रेस को तीन राज्यों में कांग्रेस सरकार में जमकर हुए भृष्टाचार से जहा पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो गया है, वही बीते दिनों हुए चुनाव प्रचार में कांग्रेस की कई रैलीयो में राहुल गाँधी ने मुहब्बत की दुकान खोलने के खूब कसीदे भी पड़े और कांग्रेस सरकार को मुहब्बत की दुकान का होलसेलर और मसीहा तक बता दिया, लेकिन नेशनल हेराल्ड केस से लेकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के एक राज्यसभा सांसद धीरज साहू और उनके करीबियों के ठिकाने पर इनकम टेक्स के पड़े छापो से कांग्रेस शर्म से पानी पानी हो गई। जानकारी मुताबिक कांग्रेस के इन एमपी महोदय के घर से इनकम टेक्स विभाग की रेड से राहुल गाँधी की स्वघोषित कांग्रेस की मुहब्बत की दुकान से घपलों के 500 करोड़ से अधिक की काली कमाई के जप्त होने का अनुमान है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावो में आए परिणामों पर गौर करे तो कांग्रेस की खाओ खिलाओं और सारा माल हज़म करज़ाओं की राष्ट्रीय नीति ने कांग्रेस को कई मुँह दिखाने लायक नहीं छोड़ा है। 
सरकारी अधिकारीयों ने दी थी छूट, चोरो ने गरीबों के पैसों में कर दी लूट
 
   वही राजस्थान में बुरी तरह से विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद से राज्य में बचीकुची सीटों में भी कांग्रेस सरकार में सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से सरपंचों सचिवों ने मिलकर सरकारी धन में गबन का क्या गजब का खेला किया है, कि हर कोई जानकर हैरान रह जाएगा। जानकारों का कहना है कि लूट की यह खपत इतनी लम्बी है कि इसकी आंच जेईएन, एईएन, बीड़ियों ओर सीईओ से होते हुए पंचायती राज विभाग में बैठ आला अधिकारीयों तक जाने के भी कयास लगाए जा रहे है। जी हां हम बात कर रहे है राजस्थान के उस सुदूरवर्ती दक्षिणी जिले बांसवाड़ा की कुशलगढ़ तहसील की जहा अन्धेरगर्दी चौपट राजा कहावत फिट बैठती है। कहने को सरकार ने सैकड़ों अधिकारी जनता पर जनता की सहूलियत के लिए जनता के टेक्स के पैसों से ही थोप रखे है, लेकिन भृष्टाचार में सारा महकमा ढाक के तीन पात ही साबित हो रहा है। 
  सैकड़ों जगह से ठोकर खा चुके फरियादियों की जब किसी ने नहीं सुनी तो उनकी दुखती रग तक हमारा कैमरा जा पहुंचा। हम बात कर रहे है राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की कुशलगढ़ तहसील के मध्य प्रदेश की सीमा से सटे पाटन थाने में स्थित रूपगढ़ ग्राम पंचायत की जहा पूर्व सरपंच भंवरलाल तथा ग्राम विकास अधिकारियों ने जमकर भ्रष्टाचार की चांदी ही चांदी कुटी है। वही हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि भ्रष्टाचार मुझे बर्दाश्त नहीं है मैं पाई-पाई का हिसाब लूंगा, भ्रष्टाचारियों को जेल जाना होगा लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि राजस्थान के कांग्रेस शाषित बांसवाड़ा जिले की कुशलगढ़ पंचायत समिति के रूपगढ़ ग्राम पंचायत में सरपंचो तथा सचिवों ने ऐसा जमकर भ्रष्टाचार किया जिसका खामीयाज़ा आज गरीब मजदूर से लेकर, सामग्री सप्लायर, बिल्डिंग बनाने वाले ठेकेदार व ट्रैक्टर वाले तथा जेसीबी वाले यहाँ तक की वर्तमान सरपंच तक उसका खामियाज़ा भुगतने को मज़बूर हो चुके है। 
   कुशलगढ़ पंचायत समिति में सरकारी धन में हुए इस गबन की शिकायत फरियादियों ने सभी अधिकारीयों से की लेकिन शायद मंथली बंधी के चलते किसी अधिकारी ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई। रूपगढ़ पंचायत ओर कुशलगढ़ पंचायत समिति में सोची समझी साजिश से ठगे जा चुके यह गरीब आज भी अपने जायज़ भुगतान को पाने के लिए दर-दर को ठोकरे खा रहे हैं। वही फरियादियों ने कई बार पूर्व सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत समिति वीडियो, प्रधान, जिला परिषद, पुलिस तक न्याय की गुहार लगाई मगर भ्रष्टाचार करने वालों पर किसी अधिकारी व सरकार में बैठे जिम्मेदारों ने कोई कार्रवाई नहीं की सभी ने धृतराष्ट्र की तरह अंधे बनकर तमाशा देखते हुए बहती गंगा में हाथ धो खुद का निहाल करने की ही जुगत लगाई। 
   वही भुगतान के अभाव में पीड़ितों ने अब न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तो नीचे से लेकर ऊपर तक सभी के होश उड़ गए रूपगढ़ ग्राम पंचायत की वर्तमान सरपंच श्रीमती शारदा देवी पति मानसिंह ने तो अपना पक्ष रखते हुए लिखित में बताया कि जब 2020 में वह पहली बार पंचायत की सरपंच बनी तब से लेकर अब तक उन्हें परेशान ही होना पड़ा है। सरपंच शारदा ने अपनी सफाई में लिखे इस पत्र में बताया कि पूर्व सरपंच भंवरलाल एवं पूर्व सचिव मौला देवी, दिलीप डामोर, गोविंद, पवन निगम ने सरपंच भंवरलाल द्वारा किए गए कार्यों के बारे में किसी प्रकार की शारदा देवी को कोई जानकारी ही आज दिनांक तक उपलब्ध नहीं कराई तथा ना ही कितना बजट आया एवं खर्च हुआ यह तक नहीं बताया। 
   सरपंच शारदा देवी ने अपनी बात कहते हुए लिखा है कि पूर्व सरपंच तथा सचिवों ने ट्रैक्टर, इट्स सप्लायर, जेसीबी तथा पक्के निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदारों से रूपगढ़ पंचायत और कुशलगढ़ पंचायत समिति वालों ने लाखों का काम तो जमकर करवा लिया लेकिन जब उन लोगों को उनके मेहनताना देने की बात आई तो अंगूठा दिखा दिया वही फरियादियों का कहना है कि फ़र्ज़ी बिलों से सारा पैसा सरपंचो एवं सचिवों से लेकर बीड़ियों तक सामूहिक रूप से एक बड़ा खेल कर गबन कर दिया गया है। जानकारों का कहना है कि कई बार फरियादियों द्वारा शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने से कुशलगढ़ पंचायती समिति के पूर्व बीड़ियों पप्पूलाल मीणा जिनके पहले ही भ्रष्टाचार में लिप्त होने से एसीबी के एक मुकदमे में वह अभियुक्त भी थे वही मनोज दोसी के एक बीड़ियों भी अपने समय में मौके का फ़ायदा उठाते हुए अपना ट्रांसफर करवाकर निकल गए, जो अब इस खेल में खासे चर्चा में बने हुए है। जिन्होंने आज दिन तक उन लोगों को भुगतान नहीं दिया जो यक़ीनन उसके हक़दार थे बल्कि उन पैसों को एक फ़र्ज़ी शेल कंपनी के द्वारा सामूहिक रूप से हज़म कर लिया गया। 
   सरपंच शारदा देवी ने बताया कि अब ठेकेदार तथा मजदूर बार-बार अपने बकाया के भुगतान के लिए उनके घर आते हैं, वहीं शिकायतकर्ताओं ने ऐसी शिकायत दर्ज कराई की जांच यदि सही मायने में हो जाए तो नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार की दलदल में फंसे सरपंच तथा अनेक सचिव जेल की सलाखों के पीछे होंगे। शिकायतकर्ताओं ने सूचना के अधिकार में भी कई बार सूचना मांगी मगर विभाग ने अपने काले कारनामों पर परदे डालने के लिए आज दिनांक तक कोई सूचना फरियादियों को उपलब्ध नहीं करवाई। आखिरकार थक-हार कर फरियादियों ने न्यायालय की शरण में गुहार लगाई है, वही न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने एफआईर तो दर्ज़ कर ली है लेकिन एफआईर को दर्ज हुए आज 7 महीने बीत चुके है लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। चुकी अब मामला कानूनी तौर पर पहुंच चुका है तो देखना यह होगा कि भ्रष्टाचारियों पर कानूनी शिकंजा कब ओर किस समय होगा? 
   
   वही मौके पर जब इस पंचायत समिति में चल रहे भृष्टाचार की जड़े खंगाली गई तो कई ऐसे कार्यों का पता चला जिसमे बिल तो कब से उठ चुके है लेकिन मौके पर एक ढेले भर का काम मौजूद नहीं है। जांच में सामने आया की रूपगढ़ पंचायत में सब सेंटर से बाबर फला तक सीसी रोड का मौके पर नामोनिशान ही नहीं है, सटालिया की तोड़ी में आंगनवाड़ी भवन अधूरा है, चुनरिया मॉडर्न तालाब में नाम मात्र की दीवार चुनकर बजट को खुर्द बुर्द कर दिया गया, वहीं लाखों रूपये के गबन के सरताज सरपंच, सचिवों एवं अन्य अधिकारीयों ने ना केवल अपने आलीशान मकान बनवा लिए बल्कि गज़ब के चारपहिया वाहनों की भी मौज लेने में लगे हुए है। वही आपको बता दे की कुशलगढ़ पंचायत समिति में यदि ईमानदारी से एक जांच कमेटी बैठाई जाए तो रूपगढ़ तो क्या पूरी पंचायत समिति की भ्रष्टाचार की परते हट कर कांग्रेस सरकार में हुए करोड़ों के खेल की पूरी काली कुंडली खुलने में देर नहीं लगेगी। 
  बहरहाल अब देखना होगा कि क्या प्रशासन, केंद्र सरकार व राज्य सरकार इन भ्रष्टाचारों पर कैसे लगाम लगा पाऐगी ओर पंगु हो चुके इस सिस्टम में कैसे इन गरीब फरियादियों को न्याय दिलवा पाएगी? यह तो वक्त ही बताएगा इधर शोषित शिकायतकर्ताओं प्रभुलाल अड़, मोती सिंह, गवजी भाई एवं जिथिंग ने राजस्थान की नई सरकार से न्याय की उम्मीद जताते हुए बताया कि अब जब तक भ्रष्टाचारियों को जेल नहीं होगी, तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे, हम हमारा अधिकार लेकर रहेंगे, चाहे इसके लिए हमें कितनी ही लम्बी क़ानूनी लड़ाई क्यों ना लड़नी पड़े? इसी बीच दोनों सरपंचो के बीच अपने-अपने कार्यकाल में हुए घपलों की सफाई में आरोप प्रत्यारोप के कागजी घोड़े भी दौड़ने लगे है, जिसमे पूर्व सरपंच ने वर्तमान सरपंच पर ओर वर्तमान सरपंच ने पूर्व सरपंच एवं सचिवों पर भ्रष्टाचार करने के बड़े आरोप लगाए है। 

एफ आई आर जिसको दर्ज किये हो गए कई महीने 





  अब देखना यह होगा की बीजेपी की नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले ही सामने आए पूर्व कांग्रेस सरकार के भृष्टाचार के इन जालों का सफाया कैसे और कब तक होता है, ओर कब तक फरियादियों को उनका हक़ एवं न्याय मिल पाता है?  

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