आप किसी भी वकील के पास जाए और कहे कि आप पत्नी से पीड़ित है, और कानूनी कार्यवाही करना चाहते है तो वकील साहब हाथ खड़े कर लेंगे और कहेंगे, "काश आप महिला होते"। ऐसा कहने का कारण ये है कि जहां महिलाओं के लिए कानून की किताबें महिलाओं के पक्ष के कानूनों से भरी पड़ी है। वही पति के लिए सच कहे तो कोई कानून है ही नही।
अब अगर आप सोच रहे है कि पति को क्या ज़रूरत क़ानून की, वो तो मर्द है। तो आपको बता दे कि बहुत से मामलों में बहुत अधिक मर्दो का शोषण उनकी पत्नियों के द्वारा ही होता है। इसलिए एक मामले में एक वकील के पुराने क्लाइंट और एक पत्नी पीड़ित का सच्चा किस्सा बताते है, जो थे एक पत्नी पीड़ित पति।
पति महोदय को उनकी पत्नी ना सिर्फ ताने मारती थी, बल्कि जब मन करता थप्पड़ या समान फेंक कर मार देती। इतना ही नहीं, पति महोदय की माता जी को भी गालियां देती और घर का काम भी करवाती। अब पति महोदय की हालत ऐसी थी कि कमाने के बाद भी उनकी जेब में सिर्फ ऑफिस आने-जाने भर के पैसे रहते थे, क्योंकि उनकी पत्नी सारी तनख्वाह छीन लेती थी।
पति महोदय जब भी साहस करते तो पत्नी पुलिस में एप्लीकेशन देकर मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देती। इससे निपटने के लिए पति महोदय ने कई वकीलों से सलाह ली तो सबने कहा, "जनाब, चिंता ना करें, करने दें पत्नी को केस, आपकी और आपकी माता जी की जमानत करा लेंगे और बस अपनी फीस बता देते।
फिर वो पीड़ित पति महोदय एक किसी अन्य वकील साहब से मिले और अपनी पूरी कहानी उन्हें बताई और एक बात जो उन्होंने बताई वो उन वकील साहब को गुस्सा दिलाने के लिए काफी थी।
वो बोले, "वकील साहब, सब तो झेल रहे है पर माँ और मेरे रहते वो अपने किसी प्रेमी को जब चाहती है, घर बुला लेती है और वो आदमी भी मुझसे गाली देकर बात करता है" और वो रोने लगे।
अब वकील साहब ने उनको चुप कराते हुए उनसे अपनी सलाह की फीस उधार में तय की और उनको कहा, आप क्योंकि मर्द हैं, इसलिए सीधे कोई स्पेशल लॉ आपके लिए नही है, परंतु आप जो कर सकते है, वो आपको बताता हूँ।
पीड़ित पति को वकील साहब ने कहा, आप अपने फ़ोन में ऐसी एप्प डालें, जिससे आपका फ़ोन रिकॉर्डिंग भी करता रहे और स्क्रीन भी ऑफ रहे, ताकि कोई नही जान पाए कि आप कुछ रिकॉर्ड कर रहे है और रोज़ के हिसाब से पत्नी के द्वारा गाली गलौच, मारपीट, और उसके प्रेमी के साथ उसके प्रेम संबंधों को 15 दिनों तक रिकॉर्ड करें और वो रिकॉर्डिंग्स मेरे पास बिना एडिट किये लेकर आये।
फिर क्या था वो 15 दिन बाद आये रिकॉर्डिंग लेकर। वकील साहब ने भी रिकॉर्डिंग देखी और उनका फ़ोन अपने पास सुरक्षित रखते हुए उनसे कहा। आज आप जाइये और ज़ोर का थप्पड़ मारिये, अगर आपके साथ कुछ भी होता है, तो मैं जिम्मेदार हूँ। और यदि उनका प्रेमी घर आये तो पुलिस को फ़ोन कीजिये और जो सच है उसकी शिकायत कीजिये।
उन्होंने ऐसा ही किया। पत्नी ने थाने में उनके और उनकी माता जी के खिलाफ घरेलू हिंसा का केस 498A दर्ज कराने के लिए application दी।
पुलिस ने पति महोदय को बुलाया, तो वकील साहब ने सभी रिकॉर्डिंग्स की सीडी बना कर उनके साथ जाकर थाने में दिखा दी और दरोगा जी को कहा कि यही सीडी एसएसपी साहब को भेज चुका हूँ। इसलिए यदि पत्नी के खिलाफ इतने सबूत होते हुए भी आपने मेरे क्लाइंट के खिलाफ केस दर्ज किया तो आपकी भी शिकायत करना मजबूरी होगी, बाकी आपकी मर्जी।
दरोगा जी ने तभी लेडी कांस्टेबल को बुलाया और बोले मैडम लगाना ज़रा दो डंडे इस औरत के, आदेश मिलते ही पत्नी जी पर 2 की जगह 7 डंडे कॉस्टेबल साहिबा ने मारे और थाने से यह कहकर भगा दिया कि अगर अगली बार तुम यहाँ झूठी रिपोर्ट करने आ गई, तो झूठी रिपोर्ट लिखवाने के जुर्म में अंदर कर दूंगी।
अब पति महोदय शेर थे और कोई केस भी पत्नी दर्ज नही करा पाई थी। प्रेमी का आना बंद हो गया। माता जी को भी काम नही करना पड़ता था। पत्नी ही सारे काम करने लगी और झूठे मुकदमे की धमकी भी देना बंद कर दी। अब वकील साहब की वह उधार फीस उनके बिना मांगे ही पति महोदय मुस्कुराते हुए धन्यवाद के साथ दे कर चले गए। कहते है ना यदि युक्ति ठीक लगाई जाए तो कोई समस्या ऐसी नहीं जो हल ना की जा सके।